KNEWS DESK – मेलोनी ने शनिवार को इटली के शहर चर्नोबियो में यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमीर जेलेंस्की से मुलाकात की। जेलेंस्की से मुलाकात के बाद कहा, “भारत और चीन जैसे देश यूक्रेन जंग को खत्म करने में अहम साबित हो सकता हैं। यह जंग यूक्रेन के हितों को अलग करके नहीं खत्म की जा सकती है। यूक्रेन का समर्थन करने का विकल्प सीधे तौर पर देशहित से जुड़ा है, जिसे बदला नहीं जा सकता।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की पहल
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 23 अगस्त को यूक्रेन की यात्रा के दौरान वोलोदिमीर जेलेंस्की से रूस के साथ सीधी बातचीत में शामिल होने का आग्रह किया था। पीएम मोदी ने जोर दिया कि दोनों देशों को युद्ध को समाप्त करने में देरी नहीं करनी चाहिए। यह यात्रा 1991 में सोवियत संघ के विघटन के बाद से किसी भारतीय प्रधानमंत्री की यूक्रेन की पहली यात्रा थी। यूक्रेन से लौटने के तुरंत बाद, पीएम मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन और फिर रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से फोन पर वार्ता की थी।
पुतिन का भारत पर विश्वास
रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने दो दिन पहले व्लादिवोस्तोक में ईस्टर्न इकोनॉमिक फोरम के दौरान भारत की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया। पुतिन ने कहा कि भारत, चीन और ब्राज़ील संभावित शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं। उन्होंने इस्तांबुल वार्ता के दौरान हुए समझौतों का हवाला देते हुए कहा कि वे भविष्य की शांति चर्चा के लिए आधार बन सकते हैं। पुतिन ने यह भी उल्लेख किया कि भारत इस क्षेत्र में संकट समाधान में महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकता है।
पुतिन का शांति वार्ता पर रुख
व्लादिमीर पुतिन ने यह स्पष्ट किया कि रूस शांति वार्ता के लिए हमेशा तैयार है, लेकिन वार्ता का आधार अल्पकालिक मांगों के बजाय उन दस्तावेजों पर होना चाहिए जिन पर पहले सहमति बनी थी। पुतिन ने रूस और यूक्रेन के बीच संपर्क बनाए रखने वाले देशों में भारत को शामिल किया और शांति प्रक्रिया के लिए ईमानदारी से प्रयास करने की बात की।
राष्ट्रीय हित की दृष्टि से बताया महत्वपूर्ण
जॉर्जिया मेलोनी ने यूक्रेन के समर्थन को नैतिक और राष्ट्रीय हित की दृष्टि से महत्वपूर्ण बताया। उन्होंने कहा, “यूक्रेन का समर्थन करना न केवल नैतिक रूप से सही है, बल्कि यह हमारे राष्ट्रीय हित में भी है। इसका उद्देश्य यूक्रेन की राष्ट्रीय अखंडता की रक्षा के लिए बनाए गए नियमों की रक्षा करना है।”
प्रमुख देशों की भूमिका पर वैश्विक ध्यान केंद्रित
रूस-यूक्रेन संघर्ष ने वैश्विक स्तर पर कई जटिल मुद्दों को जन्म दिया है, जिनमें ऊर्जा संकट और भूखमरी शामिल हैं। इस संघर्ष के समाधान के लिए भारत और चीन जैसे प्रमुख देशों की भूमिका पर वैश्विक ध्यान केंद्रित हो रहा है। इटली और भारत के नेताओं के बयान इस बात को स्पष्ट करते हैं कि अंतर्राष्ट्रीय समुदाय को मिलकर इस संकट का समाधान ढूंढने की आवश्यकता है।