राम मंदिर में नहीं किया गया लोहे का प्रयोग, जानें भव्य मंदिर से जुड़ी खास बातें…

KNEWS DESK- अयोध्या में राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा की तैयारियां जोरों- शोरों से चल रही हैं। राम मंदिर का ग्राउंड फ्लोर बनकर लगभग तैयार हो गया है। यह मंदिर तीन मंजिला होगा यानी अभी दो मंजिलों का निर्माण कार्य होना बाकी है। ऐसे में आज हम आपको मंदिर से जुड़ी कुछ ऐसी बातें बताएंगे जो आपको नहीं पता होंगी।

जानिए मंदिर डिजायन के बारे में 10 खास बातें… 

मंदिर में पांच मंडप होंगे। इनमें नृत्य मंडप, रंग मंडप, सभा मंडप, प्रार्थना मंडप और कीर्तन मंडप नाम रखा गया।

ग्राउंड फ्लोर पर गर्भगृह में भगवन श्री राम विराजेंगे. पहली मंजिल पर भगवान राम का पूरा दरबार सजाया जाएगा। खंभों और दीवारों में देवी-देवता और देवांगनाओं की मूर्तियां उकेरी जा रही हैं।

मंदिर की लंबाई (पूर्व से पश्चिम) 380 फीट, चौड़ाई 250 फीट और ऊंचाई 161 फीट रहेगी. मंदिर तीन मंजिला रहेगा। प्रत्येक मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रहेगी. मंदिर में कुल 392 खंभे और 44 द्वार होंगे।

मंदिर के समीप पौराणिक काल का सीताकूप देखने को मिलेगा. परिसर के चारों कोनों पर सूर्य, भगवती, गणेश और शिव के मंदिर बनेंगे। उत्तरी और दक्षिणी हिस्से में अन्नपूर्णा और हनुमान जी का मंदिर होगा।

महर्षि वाल्मिकी, महर्षि वशिष्ठ, महर्षि विश्वामित्र, अगस्य, निषाद राज, शबरी के मंदिर प्रस्तावित हैं। मंदिर में लोहे का प्रयोग नहीं किया गया. धरती के ऊपर बिलकुल भी कंक्रीट नहीं है. मंदिर के नीचे फाउंडेशन को 14 मीटर मोटी रोलर कॉम्पेक्टेड कंक्रीट (RCC) बिछाई गई है. इसे आर्टफिशियल चट्टान का रूप दिया गया है।

मंदिर को धरती की नमी से बचाने के लिए 21 फीट ऊंची प्लिंथ ग्रेनाइट से बनाई गई है।

कुल 70 एकड़ का पूरा परिसर है। 70 फीसदी हिस्सा हरा-भरा (हरित) होगा. पर्यावरण और जल संरक्षण पर जोर दिया है। मंदिर परिसर में स्नानागार, शौचालय, वॉश बेसिन, ओपन टैप्स आदि की सुविधा भी रहेगी। दिव्यांगजन और वृद्धों के लिए मंदिर में रैम्प और लिफ्ट की व्यवस्था रहेगी।

25 हजार क्षमता वाले एक दर्शनार्थी सुविधा केंद्र का निर्माण किया जा रहा है. वहां दर्शनार्थियों का सामान रखने के लिए लॉकर और चिकित्सा की सुविधा रहेगी।

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