लखनऊ में साइबर जालसाज ने एक परिवार के सभी मोबाइल फोन किए हैक, कहता है ‘आई कैन सी यू’..

KNEWS DESK-  लखनऊ के हुसैनगंज इलाके में साइबर अपराध का एक अजीब और चौंकाने वाला मामला सामने आया है, जिसमें एक जालसाज ने एक पूरे परिवार के सभी मोबाइल फोन हैक कर लिए हैं। पीड़ित विक्रम चोपड़ा ने पुलिस से शिकायत करते हुए बताया कि जालसाज को उनके घर की सभी गतिविधियों की जानकारी थी और वह अक्सर उन्हें मैसेज भेजता था, जिसमें लिखा होता था, “आई कैन सी यू” (मैं तुम्हें देख सकता हूँ)।

विक्रम चोपड़ा का कहना है कि जालसाज ने न सिर्फ उनके, बल्कि उनके परिवार के सभी सदस्य के मोबाइल फोन भी हैक कर लिए हैं। इसके अलावा, उसने घर के सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स को अपने कंट्रोल में कर लिया और घर की सभी गतिविधियों की जानकारी रखना शुरू कर दी। यह साइबर जालसाज उनके निजी जीवन में घुसपैठ करके उन्हें मानसिक रूप से परेशान कर रहा था।

डीसीपी सेंट्रल जोन, रवीना त्यागी के अनुसार, इस मामले को गंभीरता से लिया गया है और पुलिस ने साइबर अपराध के तहत मामला दर्ज कर लिया है। पुलिस टीम सभी संदिग्ध नंबरों की जांच कर रही है, ताकि जालसाज का पता लगाया जा सके और उसे गिरफ्तार किया जा सके। इस मामले को लेकर पुलिस लगातार जांच कर रही है और मामले में तेजी से कार्रवाई की जा रही है।

इसी दौरान, उत्तर प्रदेश की स्पेशल टास्क फोर्स (ATS) ने साइबर अपराध से जुड़े एक बड़े मामले में सफलता प्राप्त की है। एसटीएफ ने दो शातिर अपराधियों को गिरफ्तार किया है, जो चीनी नागरिकों के साथ मिलकर संगठित गिरोह बनाकर डिजिटल अरेस्ट, गेमिंग और ट्रेडिंग ऐप के माध्यम से साइबर फ्रॉड कर रहे थे। गिरफ्तार किए गए आरोपियों की पहचान रोहन अग्रवाल और हर्ष वर्धन गुप्ता के रूप में हुई है।

रोहन अग्रवाल प्रयागराज का निवासी है, जबकि हर्ष वर्धन गुप्ता कानपुर नगर का निवासी है। पुलिस ने आरोपियों से कई महत्वपूर्ण दस्तावेज और सामग्री बरामद की, जिनमें 14 डेबिट और क्रेडिट कार्ड, 3 आधार कार्ड, 1 पैन कार्ड, 1 ड्राइविंग लाइसेंस, 1 पासपोर्ट, 7 मोबाइल फोन और 4 लाख रुपये नगद शामिल थे।

इस सफलता के बाद उत्तर प्रदेश पुलिस और एटीएस के अधिकारियों ने चेतावनी दी है कि ऐसे साइबर अपराधी लगातार नए तरीके अपना रहे हैं, और लोगों को सतर्क रहने की जरूरत है। लोग हमेशा अपने डिजिटल डाटा की सुरक्षा को प्राथमिकता दें और अनजान लिंक पर क्लिक करने से बचें।

साइबर जालसाजी के मामलों में इस तरह की बढ़ोतरी से यह साफ होता है कि डिजिटल अपराधियों के नए-नए तरीके सामने आ रहे हैं। लखनऊ के मामले में जो कुछ हुआ, वह इस बात का संकेत है कि व्यक्तिगत और घर के डेटा की सुरक्षा कितनी महत्वपूर्ण हो गई है। लोगों को अपनी डिजिटल पहचान और उपकरणों की सुरक्षा में कोई भी लापरवाही नहीं करनी चाहिए, ताकि वे साइबर अपराधियों के निशाने से बच सकें। यह घटनाएं दर्शाती हैं कि साइबर अपराध की दिशा में और भी अधिक ठोस कदम उठाए जाने की आवश्यकता है, ताकि ऐसे अपराधी पकड़ में आ सकें और उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई हो सके।

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