KNEWS DESK… विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A. की बैठक में शामिल होने के लिए कांग्रेस नेता सोनिया गांधी और राहुल गांधी गुरुवार को मुंबई पहुंचे. यहां पहुंचने के कुछ ही देर बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने ग्रैंड हयात होटल में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अडानी मामले को उठाते हुए केंद्र सरकार पर हमला बोला. राहुल गांधी ने ऑर्गनाइज्ड क्राइम एंड करप्शन रिपोर्टिंग प्रोजेक्ट द्वारा अडानी ग्रुप पर लगाए गए आरोपों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसा.
दरअसल आपको बता दें कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि इस मामले में संयुक्त संसदीय समिति बनाकर गहन जांच होनी चाहिए. यहां पत्रकारों से बातचीत में उन्होंने यह भी कहा कि यह मामला जी20 की बैठक से पहले उठ चुका है और यह देश की प्रतिष्ठा से जुड़ा मामला है. राहुल गांधी ने कहा कि यह साफ होना चाहिए कि ‘देश से बाहर भेजा गया एक अरब डॉलर’ किसका पैसा है? राहुल गांधी ने पूछा कि CBI और ईडी जैसी एजेंसियां गौतम अडानी से पूछताछ क्यों नहीं कर रही हैं? राहुल गांधी ने कहा कि मौजूदा माहौल जी20 का है. यह विश्व में भारत की स्थिति के बारे में है। भारत जैसे देश के लिए यह बहुत जरूरी है कि हमारे आर्थिक माहौल में पारदर्शिता हो और व्यापार में समान अवसर हों। दो प्रमुख वैश्विक अखबारों ने उठाए हैं अहम सवाल…
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जानकारी के लिए बता दें कि कांग्रेस नेता ने पूछा कि केंद्र सरकार अडानी समूह के खिलाफ आरोपों की जांच क्यों नहीं होने दे रही है? उन्होंने दावा किया कि सेबी की जांच में अडानी समूह को क्लीन चिट दे दी गई और ऐसा करने वाले लोग फिर अडानी समूह के कर्मचारी बन गए. कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने मुंबई में कहा कि जांच हुई, सेबी को सबूत दिए गए और सेबी ने गौतम अडानी को क्लीन चिट दे दी… तो साफ है कि यहां कुछ गड़बड़ है. राहुल गांधी ने कहा कि जी20 नेताओं के यहां आने से ठीक पहले वे पूछ रहे होंगे कि प्रधानमंत्री के करीबी सज्जन की यह कौन सी कंपनी है और इन सज्जन को भारत जैसी अर्थव्यवस्था में मुफ्त यात्रा की सुविधा क्यों दी जा रही है? कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने पूछा कि सबसे पहला सवाल तो यही उठता है- ये पैसा किसका है? ये अडानी का पैसा है या किसी और का? इसके पीछे का मास्टरमाइंड विनोद अडानी नाम का एक सज्जन है जो गौतम अडानी का भाई है। पैसों की इस हेराफेरी में दो अन्य लोग भी शामिल हैं. एक सज्जन हैं जिनका नाम नासिर अली शाबान अहली है और दूसरे एक चीनी सज्जन हैं जिनका नाम चांग चुंग लिंग है। तो, दूसरा सवाल उठता है – इन दो विदेशी नागरिकों को उन कंपनियों में से एक के मूल्यांकन के साथ खेलने की अनुमति क्यों दी जा रही है जो लगभग सभी भारतीय बुनियादी ढांचे को नियंत्रित करती है.
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