KNEWS DESK… ज्ञानवापी मामले पर ASI सर्वे को लेकर आज लगातार तीसरे दिन इलाहाबाद हाईकोर्ट में सुनवाई जारी है। जिसमें मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता नकवी ने बहसे शुरू की। ASI के अतिरिक्त निदेशक आलोक त्रिपाठी भी कोर्ट में हाजिर हुए हैं। मुस्लिम पक्ष के अधिवक्ता ने ASI के हलफनामे का जवाब दाखिल किया है।
दरअसल आपको बता दें कि ASI के अतिरिक्त निदेशक आलोक त्रिपाठी ने बताया कि ASI की स्थापना सन् 1871 में हुई थी। आलोक त्रिपाठी ने बताया कि GPR सर्वे ही करेंगे। खुदाई नहीं करेंगे। सर्वे के दौरान इमारत को खरोंच तक नहीं आएगी। बता दें कि उत्तर प्रदेश के महाअधिवक्ता अजय कुमार ने मामले की बहस शुरू करते हुए कहा कि प्रदेश में कानून व्यवस्था बनाए रखना हमारी जिम्मेदारी है। यदि सर्वे तत्काल शुरू होता है तो हमें अतिरिक्त बल की आवश्यकता पड़ेगी।
जानकारी के लिए बता दें कि मुस्लिम पक्षकार ने कहा कि सिविल वाद की पोषणीयता का बिंदु तय होना जरूरी है। पोषणीयता के विधिक बिंदु तय किए बिना सर्वेक्षण गलत है। बताया कि पोषणीयता का वाद सुप्रीम कोर्ट ने लंबित है। इस पर हिंदू पक्ष ने कहा मामले का जल्द निस्तारण होना चाहिए।
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गौरबतल हो कि 26 जुलाई यानी बुधवार को दिन भर चली सुनवाई के बाद कोर्ट ने सुनवाई स्थगित कर दी थी। सुनवाई के दौरान हिंदू और मुस्लिम दोनों पक्षों की तरफ से अधिवक्ताओं ने अपने तर्क दिए थे। हाईकोर्ट के समक्ष ASI के वैज्ञानिक भी उपस्थित हुए थे। इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर मुस्लिम पक्षकारों की याचिका पर सुनवाई कर रहे हैं। कोर्ट ने कहा कि साक्ष्यों को सही समय और सही फोरम पर दिखाए जाएं। इस बीच अधिवक्ता सौरभ तिवारी को कोर्ट ने हिंदी में ही बहस करने को कहा। कोर्ट ने कहना आप चाहते क्या हैं? इस पर उन्होंने कहा कि सर्वे हो।
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