KNEWS DESK… राजस्थान के कोटा में आत्महत्या के बढ़ते मामलों को देखते हुए अब राज्य की गहलोत सरकार ने सख्त रुख़ अपनाया है. राज्य सरकार ने कोचिंग संस्थानों के द्वारा रविवार को लिए जाने वाले टेस्ट बंद करने का आदेश दिया है. इसके साथ ही विद्यार्थियों पर पढ़ाई का अधिक बोझ नहीं डालने के लिए कहा गया है. राज्य सरकार द्वारा दिए गए निर्देशों के अनुसार अब कोचिंग संस्थानों एवं हॉस्टल संचालकों को प्रत्येक 15 दिन में छात्र-छात्राओं का मनोचिकित्सक से परीक्षण करवाना होगा.
दरअसल आपको बता दें कि देश के कोचिंग हब के रूप में प्रसिद्ध कोटा में विद्यार्थियों की आत्महत्या के मामलों को लेकर राज्य सरकार चिंतित है. इसी संर्दभ में राज्य सरकार ने अब कोचिंग संस्थानों एवं निजी हॉस्टलों के संचालकों पर सख्ती करने का निर्णय लिया है. इसके साथ ही कोचिंग संचालकों निर्देश दिए गए हैं कि वो पैसे कमाने के लालच में छात्र-छात्राओं को स्कूलों में डमी प्रवेश नहीं दिलवाएं. आत्महत्या के मामलों में सख्ती बरतते हुए राज्य सरकार ने कोटा के सभी हॉस्टलों में पंखों पर एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाने का निर्देश दिया है. पंखे में एंटी हैंगिंग डिवाइस नहीं लगाने वाले हॉस्टल को सील कर दिया जाएगा. इसके साथ ही हॉस्टल संचालकों के खिलाफ पुलिस में रिपोर्ट भी दर्ज कराई जाएगी. कोटा में तकरीबन 4 हजार हॉस्टल एवं 35 हजार से अधिक पीजी मौजूद हैं.
जानिए क्या होता है एंटी हैंगिंग डिवाइस?
जानकारी के लिए बता दें कि छत वाले पंखों में एंटी हैंगिंग डिवाइस लगाए जाते हैं. इसमें एक डिवाइस होता है जो रॉड में ही लगाया जाता है. जिससे यदि कोई फंदा लगाने का प्रयास करता है तो उसके वजन से अलार्म बजना शुरू हो जाता है. इससे वहां मौजूद लोग सजग हो जाएंगे. जबकि दूसरा डिवाइस स्प्रिंग का होता है.जिसमें पंखे की हैंगिंग रॉड में स्प्रिंग लगा दी जाती है. इस डिवाइस के पंखे में लगने के बाद यदि 40 किलो से अधिक वजन इसमें लटकेगा तो स्प्रिंग फैल जाएगी एवं पंखा जमीन पर गिर जाएगा. जिससे आत्महत्या करने वाले की जान बच जाएगी.
गठित समिति जारी करेगी गाइडलाइन
बता दें कि अब इनकी निगरानी के लिए अतिरिक्त जिला कलक्टर के नेतृत्व में समिति गठित की गई है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव की अध्यक्षता में समिति का गठन किया है. इस समिति के द्वारा आत्महत्या के बढ़ते मामलों को रोकने के लिए सरकार ने नई गाइडलाइन तय करते हुए उसे जारी करेगी. इस दिशानिर्देश में अभिभाववकों को भी अपने बच्चों से नियमित रुप से संपर्क में रहने के लिए कहा जाएगा.