KNEWS DESK… पीएम मोदी ने G-20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने आए विदेशी मेहमानों का स्वागत किया. इस दौरान पीएम मोदी जिस जगह खड़े होकर तस्वीर क्लिक करवा रहे थे, उसके बैकग्राउंड में कोणार्क चक्र बना हुआ दिख रहा था. इसे लेकर लोगों के मन काफी सवाल भी उठने लगे कि ये आखिर क्या है? जहां पीएम मोदी विदेशी मेहमानों के साथ हाथ मिलाते हुए तस्वीर क्लिक करवा रहे थे. आइए हम आपको बताते हैं कोणार्क क्या है?
दरअसल आपको बता दें कि कोणार्क चक्र भारत के राष्ट्रीय ध्वज में भी लगा है. इसे 24 तीलियों में रूपांतरित किया गया है. ये चक्र भारत के उन्नत सभ्यता, प्राचीन ज्ञान और उत्कृष्ट वास्तुशिल्प का प्रतीक है. 13वीं शताब्दी में राजा नरसिम्हादेव प्रथम के शासन काल में इस कोणाचक्र का निर्माण ओडिशा में हुआ था.
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जानिए क्या है कोणार्क चक्र का महत्व?
जानकारी के लिए बता दें कि कोणार्क चक्र गतिशीलता का प्रतीक है, जो निरंतर प्रगति और परिवर्तन को दर्शाता है. समय का चक्र हमेशा घुमता रहता है, कभी एक अवस्था में नहीं रुकता. यह कोणार्क मंदिर में बनाया गया है जिसे सूर्य मंदिर भी कहा जाता है इसीलिए इस चक्र को सूर्य चक्र भी कहा जाता है. यह चक्र लोकतंत्र के पहिए को एक शक्तिशाली प्रतीक के रूप में प्रदर्शित करता है.
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पीएम मोदी ने बाइडेन और ऋषि सुनक को बताया महत्व
बता दें कि शनिवार को पीएम मोदी ने वैश्विक नेताओं और अंतराष्ट्रीय संगठनों के प्रमुखों का गर्मजोशी के साथ स्वागत किया. स्वागत के दौरान पीएम मोदी ने कोणाचक्र वाले बैकग्राउंड को फोटो सेशन के लिए चुना. जब अमेरिकी राष्ट्रपति ने पीछे बने कोणाचक्र के बारे में जिज्ञासा जाहिर की तो पीएम मोदी ने इसके महत्व और खासियत के बारे में भी बताया.
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