खाएं हाई फैट खाना, शराब का असर होगा कम..

सबसे पहले यह समझने की जरूरत है कि हैंगओवर आखिर है क्या? आसान शब्दों में शराब पीने के अगले दिन होने वाला बुरा अनुभव. वहीं, अमेरिका के नैशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एल्कॉहल अब्यूज एंड एल्कॉहलिज्म (NIAAA) ने हैंगओवर की परिभाषा समझाई है. इसके मुताबिक, ‘बहुत ज्यादा शराब पीने के परिणामस्वरूप शरीर में पैदा होने वाले कुछ खास किस्म के लक्षण. ये लक्षण थकान, कमजोरी, प्यास, बार-बार गला सूखना, सिरदर्द, मांसपेशियों में दर्द, उल्टी या उल्टी आने की फीलिंग, सिर घूमना, बेचैनी, रोशनी या आवाज के प्रति संवेदनशीलता, चिड़चिड़ापन, पसीना आना और बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर हो सकता है.’ बता दें कि हैंगओवर अलग-अलग लोगों में अलग-अलग किस्म का हो सकता है. इसका असर कुछ घंटों से लेकर एक दिन या कुछ लोगों में इससे भी ज्यादा हो सकता है.

शराब के गंभीर और दीर्घकालिक नुकसान को अगर नजरअंदाज भी करें तो भी, अधिकतर पीने वाले इसके तात्कालिक बुरे असर से खुद को नहीं बचा पाते. इनमें से एक है हैंगओवर. शराब पीने के कुछ वक्त बाद महसूस होने वाला वह शारीरिक कष्ट, जिसके बाद हर शख्स यही कसमें खाता है कि वह अब आगे से इतना नहीं पिएगा. यह हैंगओवर कुछ के लिए तो इतना असहनीय होता है कि वे तो हमेशा के लिए शराब छोड़ने के बारे में भी सोचने लगते हैं. ऐसे में कुछ जानकार सलाह देने लगते हैं कि पीने के पहले और बाद में क्या खाना चाहिए जिससे शराब पीने के बाद आपका बाल भी बांका न हो सके. उन सुझावों में से एक है कि घी, मक्खन या चिकनाई वाला खाना. दावा है कि यह शराब के हैंगओवर का रामबाण इलाज है. कुछ का तो यहां तक दावा है कि घी या मक्खन जैसी चीज न केवल हैंगओवर रोकती है, बल्कि यह लिवर को शराब के बुरे असर से भी बचाती है. इन दावों में कितनी सच्चाई है, चलिए समझने की कोशिश करते हैं.

 

बहुत सारे लोगों का मानना है कि पीने से पहले चिकनाई वाला हाई फैट खाना खाने से शराब का असर कम होता है. इसके लिए यह दलील दी जाती है कि यह चिकनाई पेट के अंदरूनी दीवारों पर एक पर्त बना देती है, जिससे शरीर के एल्कॉहल को सोखने की रफ्तार धीमी पड़ जाती है. यह दावा कुछ हद तक सही है. चिकनाई वाला खाना शरीर में शराब के सोखने की रफ्तार को धीमी करता है, जिससे कम नशा होने का आभास होता है. हालांकि, ऐसा इसलिए नहीं कि घी या मक्खन जैसी चिकनाई पेट के अंदर जाकर कोई पर्त बना देती है. ऐसा इसलिए क्योंकि घी-चिकनाई या इससे युक्त खाना पेट में एल्कॉहल से मिक्स हो जाता है, जिससे शरीर में शराब सोखने की रफ्तार धीमी हो जाती है.

मुमकिन है कि चिकनाई वाला खाना खाने से शराब का असर धीमा पड़ जाए लेकिन यह हैंगओवर रोकने का इलाज है, यह बात पूरी तरह से सच नजर नहीं आती. यह तरीका तभी कारगर है, जब शराब पीने के पहले चिकनाई वाला खाना खाया जाए. इस अरेंजमेंट के साथ आप हैंगओवर प्रूफ नहीं हो जाते. ऐसा करने के बाद क्षमता से ज्यादा शराब पीना भी अगले दिन हैंगओवर दे सकता है. वहीं, पीने के अगले दिन सुबह ऐसा भोजन खाना अपने पाचन तंत्र के साथ ज्यादती करना है. अगले दिन चिकनाई वाला खाना हालात बिगाड़ सकता है और हैंगओवर की मुश्किलों को और बढ़ा सकता है.

न्यू फूड मैगजीन ने भी फूड साइंटिस्ट डॉक्टर जो फिशर के हवाले से इस दावे की पड़ताल की. फिशर ने वैज्ञानिक कारणों का हवाला देते हुए यह सुझाया है कि शराब पीते वक्त किन बातों का ध्यान रखना चाहिए.  उनके मुताबिक, पीने से पहले यह पता होना चाहिए कि आप क्या पीने जा रहे हैं. साथ ही इस बात का भी ध्यान रखना होगा कि आप कितनी रफ्तार से शराब पी रहे हैं. दरअसल, शरीर एक तय रफ्तार से ही शराब को पचा पाता है. ऐसे में शराब पीने में ज्यादा तेजी आपको नशे में धुत बना सकती है. खाली पेट शराब न पिएं.  शराब पीने के दस मिनट पहले से कुछ खाना ज्यादा फायदेमंद है. हाई प्रोटीन, फाइबर और हेल्दी फैट युक्त चीजें मसलन-बादाम, चीज़ आदि खाना बेहतर विकल्प हैं. पीने के दौरान भी कुछ खाते रहना चाहिए और शरीर को हाइड्रेट रखने के लिए पानी भी पीते रहना चाहिए. शराब पीने के कुछ देर बाद चिकनाई वाला या कैसा भी खाना खाएं,कोई असर नहीं पड़ेगा क्योंकि तब तक एल्कॉहल आपकी रक्त वाहिकाओं में मिल चुका होगा.

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