KNEWS DESK- यूपी के कानपुर में हुए कुशाग्र हत्याकांड में दिन पर दिन बड़े -बड़े खुलासे होते जा रहे हैं। एक तरफ जहां पुलिस प्रेम संबंध और अमीर बनने का ख्वाब का आरोप महिला ट्यूशन टीचर पर लगा रही है तो वहीं दूसरी ओर मृतक कुशाग्र के घर वाले इस बात को मानने के लिए तैयार नहीं हैं उनका कहना है कि पुलिस उनके बेटे का चरित्र खराब कर रही है।
रचिता करीब 6 साल से कुशाग्र को ट्यूशन पढ़ा रही थी। इस दौरान उसने घरवालों का विश्वास जीत लिया। बाद में वो कुशाग्र के छोटे भाई आदि को भी पढ़ाने लगी। उसे करीब पांच हजार रुपये फीस मिलती थी, जो कि उसके लिए मुफीद था। फीस के अलावा अक्सर रचिता को कुशाग्र के घर से आर्थिक मदद भी मिल जाया करती थी लेकिन कुछ महीने पहले कुशाग्र के घरवालों ने ट्यूशन बंद कर दिया। उन्होंने अपने बच्चों को रचिता से पढ़ाने से मना कर दिया। रचिता इस बात से खफा थी. क्योंकि, फीस के साथ-साथ उसकी आर्थिक मदद का जरिया भी बंद हो गया था। जिसके बाद उसके ऊपर लोन और घर खर्च का बोझ बढ़ता जा रहा था। बॉयफ्रेंड प्रभात और कुशाग्र हत्याकांड के मुख्य आरोपी संग उसे घर भी बसाना था। पैसों की चाहत में रचिता और प्रभात ने कुशाग्र की किडनैपिंग का खौफनाक प्लान बना डाला।
ये भी पढ़ें- 30 लाख फिरौती, ट्यूशन टीचर के बॉयफ्रेंड ने किया था अपहरण…कुशाग्र की हत्या का हुआ खुलासा
कुशाग्र के चाचा संजय कनोडिया के मुताबिक, मार्च में घर में एक बर्थ डे पार्टी थी जिसमें हमने रचिता को बुलाया था। वो अपने बॉयफ्रेंड संग आई थी। वारदात से करीब महीने भर पहले भी वह प्रभात संग घर आई थी। काश, उसी समय हम लोग उसके इरादे भांप जाते। पुलिस के खुलासे पर संजय कनोडिया कहते हैं- पुलिस ने बगैर किसी सबूत के हमारे भतीजे का चरित्र हनन कर दिया। वह 15-16 साल का छोटा बच्चा था। टीचर 25 साल की थी। दोनों के बीच संबंध कैसे हो सकते हैं। उसको (टीचर) हम बेटी जैसे मानते थे। वह अक्सर घर आती जाती थी। टीचर प्रभात से प्रेम करती थी। उससे शादी करने जा रही थी, तो हमारे भतीजे से क्यों प्रेम करेगी या मेरा भतीजा उससे क्यों प्रेम करेगी?
पुलिस मामले की जांच में जुटी हुई. किडनैपिंग, फिरौती, प्रेम प्रसंग हर एंगल से जांच-पड़ताल की जा रही है। डीसीपी सेंट्रल ने बताया कि हत्याकांड की तह तक जाने के लिए आरोपियों को कस्टडी रिमांड पर लेकर पूछताछ की जाएगी। आरोपियों और उनके परिजनों की कॉल डिटेल निकालकर उसे खंगाला जा रहा है। वहीं, 15-20 दिन के भीतर कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल करने के साथ ही केस को फास्ट ट्रैक कोर्ट में चलाए जाने की अपील अदालत में की जाएगी।
ये भी पढ़ें- 16 दिन में छात्र और टीचर के बीच 51 बार हुई बातचीत…, कुशाग्र हत्याकांड में हुआ बड़ा खुलासा