दिल्ली: रैट माइनर वकील खान का घर डीडीए के अतिक्रमण हटाओ अभियान में गिरा, सिल्क्यारा सुरंग में फंसे मजदूरों को बचाने में की थी मदद

दिल्ली-  दिल्ली विकास प्राधिकरण ने अतिक्रमण हटाओ अभियान के तहत बुधवार को खजूरी खास में कई अवैध घरों को ढहा दिया। इस वजह से कई लोग बेघर हो गए हैं। इन्हीं में रेट माइनर वकील हसन भी शामिल हैं। वकील हसन उस रेट माइनर टीम का हिस्सा हैं जिन्हें पिछले साल नवंबर में अपनी टीम के साथ उत्तरकाशी की सिल्कयारा सुरंग में फंसे 41 श्रमिकों को बचाने के लिए सम्मानित किया गया था।

वकील हसन ने कहा कि उन्हें सिल्क्यारा सुरंग में फंसे 41 लोगों को बचाने के बदले ये मिला है। वकील हसन ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों और सरकार से अनुरोध किया था कि ये घर उन्हें दे दिया जाए लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ और डीडीए ने बिना कोई जानकारी दिए उनके घर को गिरा दिया। वहीं जवाब में डीडीए यानी दिल्ली विकास प्राधिकरण ने कहा कि अतिक्रमण हटाने का अभियान उस जमीन पर चलाया गया जो “योजनाबद्ध विकास भूमि का हिस्सा” थी।

पुलिस ने कहा कि अभियान के दौरान अवैध रूप से निर्मित कई इमारतों को ढहाया गया। इससे हसन ने इलाके का एक वीडियो जारी कर कहा था कि जिस इमारत में वे और उनका परिवार रह रहा था, उसे अतिक्रमण हटाने के अभियान में गिरा दिया गया है जिसके बाद उन्हें पुलिस स्टेशन जाना पड़ा। हसन और रैट-होल खनन टीम के पांच दूसरे सदस्य उत्तर-पूर्वी दिल्ली के खजूरी खास में रहते हैं, जबकि बाकी उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से हैं। उनकी खास खनन तकनीकें उत्तराखंड में निर्माणाधीन सिल्क्यारा सुरंग के अंदर मलबे को हटाने में अहम साबित हुई थीं। 12 नवंबर को सुरंग का एक हिस्सा ढह जाने से 41 मजदूर फंस गए और बचाए जाने से पहले लगभग 17 दिनों तक फंसे रहे।

रैट होल माइनर वकील हसन ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि ” हमने सिल्क्यारा सुरंग में 41 लोगों को बचाया और बदले में हमें यह मिला। क्या इंसानियत बची ही नहीं? देश के लिए हमारे योगदान को ध्यान में रखते हुए क्या वे हमें नई जगह शिफ्ट नहीं कर सकते थे। हमारे बच्चे जो घर के अंदर थे, उनके साथ मारपीट की गई।”

वकील हसन की पत्नी शबाना हसन ने पीटीआई से बातचीत में कहा कि “सरकार को हम पर कोई रहम नहीं है। जब वह (वकील) उत्तरकाशी में फंसे खनिकों को बचाकर लौटे तो हमें बहुत खुशी हुई। सभी ने हमसे पूछा कि आपको बदले में क्या चाहिए, तिवारी जी (बीजेपी के मनोज तिवारी) ने भी कहा। हमने उनसे सिर्फ इतना कहा कि हमें हमारा घर दे दीजिए। उन्होंने आश्वासन दिया कि कोई भी उनके घर को छूएगा नहीं और वो हमारे लिए घर बनाएंगे। आप इस क्षेत्र से सांसद हैं, अब कहां हैं? अब हम कहां जाएं?”

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