दिल्ली के उप-राज्यपाल ने भी शराब नीति को किया था पास… मनीष सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में दी दलील

दिल्ली, सीबीआई ने 26 फरवरी को दिल्ली शराब घोटाले मामले में मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था. सीबीआई को कोर्ट की तरफ से मनीष को 7 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया. 4 मार्च को न्यायिक हिरासत पूरी होने के बाद कोर्ट ने उन्हें रेवन्यू कोर्ट में पेश किया. जिसके बाद कोर्ट ने उनकों 20 मार्च तक के लिए न्यायिक हिरासत में भेज दिया.

 

ED ने शुक्रवार को आप नेता मनीष सिसोदिया को राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश किया. इस दौरान ED ने सिसोदिया की 10 दिन की रिमांड मांगी. ED ने सुनवाई के दौरान दावा किया कि आबकारी नीति तैयार करने के पीछे साजिश थी. शराब नीति में नियम बदलकर कुछ खास लोगों को 6% की जगह 12% लाभ पहुंचाया गया. सिसोदिया से पूछताछ के लिए रिमांड जरूरी है. ईडी ने कोर्ट में कहा कि मनीष सिसोदिया और के कविता संपर्क में थे.

 

मनीष सिसोदिया के. कविता के संपर्क में थे- ईडी

ED ने कोर्ट में दावा किया, इस नीति से दक्षिण की कंपनियों को लाभ पहुंचाया गया. बड़े कारोबारियों को फायदा पहुंचाया गया. सिसोदिया के कहने पर शराब नीति के नियम बदले गए. अवैध कमाई की व्यवस्था बनाई गई. थोक व्यापार का हिस्सा खास लोगों को दिया गया. 6% की जगह 12% का मार्जिन दिया गया. डिजिटल सबूत मिटाए गए.

 

LG ने पास की दी थी शराब नीति- मनीष के वकील  

सिसोदिया के वकील ने कोर्ट में दलील दी कि जब सरकार की पॉलिसी बनती है तो कई स्तरों से गुजरती है. चुनी हुई सरकार के अलावा संबंधित विभाग, वित्त विभाग से होते हुए मसौदा उप राज्यपाल के पास जाता है. पूरी प्रक्रिया के बाद एलजी ने भी पॉलिसी को देखा समझा और मंजूरी दी. एलजी ने जो शिकायत की है, वो टेंडर जारी होने के बाद की है, पहले की नहीं. यहां एजेंसी टेंडर जारी होने से पहले की बात कर रही है. दयान कृष्णन ने कोर्ट को बताया कि सिसोदिया को कोई पैसा नहीं मिला. उनके पास से भी छापेमारी के दौरान कोई धन दौलत संपदा कुछ भी नहीं मिला. अब कहा जा रहा है विजय नायर सिसोदिया के लिए काम कर रहा था. PMLA बेहद सख्त कानून हैं. यहां पुख्ता सबूत के बजाय एजेंसी की धारणा के हिसाब से गिरफ्तारी हो रही है. सिसोदिया के वकील ने कहा कि ईडी को यह दिखाना होगा कि पैसा सिसोदिया के पास गया. वो दिखा दें कि 1 रुपया भी उनके पास गया. सीबीआई मामले में हम कोर्ट के सामने जमानत पर बहस करने वाले थे. मुझे पहले कभी नहीं बुलाया गया.  जमानत की सुनवाई से एक दिन पहले मुझे गिरफ्तार कर लिया गया.

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