‘हांगकांग फ्लू’ से देश में हुई पहली मौत, जानिए कितना खतरनाक है ये H3N2 वायरस

HEALTH DESK, केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के सूत्रों ने बताया कि ” आज  H3N2 वायरस के कारण होने वाले इन्फ्लूएंजा के चलते देश दो मौत हुई है । शीर्ष आधिकारिक सूत्रों के अनुसार इनमे से एक व्यक्ति हरियाणा  से था तो वही दूसरा कर्नाटक निवासी था| ताज़ा सूत्रों के मुताबिक देश में H3N2 वायरस के लगभग 90 मामले सामने आए हैं।और वही H1N1 वायरस के भी आठ मामलों का भी पता चला है।

पिछले कुछ महीनों से देश में फ्लू के लगातार मामले बढ़ रहे हैं। अधिकांश संक्रमण H3N2 वायरस के कारण होते हैं, जिसे ‘हांगकांग फ्लू’ के रूप में भी जाना जाता है। भारत में अब तक केवल H3N2 और H1N1 संक्रमण का ही पता चला है।

दोनों वायरस में कोविड जैसे लक्षण हैं। बता दें कि कोविड ने दुनिया भर में लाखों लोगों को संक्रमित किया और 68 लाख लोगों की मौत हुई। महामारी के दो साल बाद बढ़ते फ्लू के मामलों ने लोगों में चिंता पैदा कर दी है। लक्षणों में लगातार खांसी, बुखार, ठंड लगना, सांस फूलना और घरघराहट शामिल हैं। मरीजों ने मतली, गले में खराश, शरीर में दर्द और दस्त की भी सूचना दी है। ये लक्षण लगभग एक सप्ताह तक बने रह सकते हैं।

विशेषज्ञों के अनुसार वायरस अत्यधिक संक्रामक है और संक्रमित व्यक्ति के खांसने, छींकने और निकट संपर्क से फैलता है। डॉक्टरों ने नियमित रूप से हाथ धोने और मास्क लगाने समेत कोविड जैसी सावधानियों की सलाह दी है। इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च छींकने और खांसने के दौरान मुंह और नाक को ढंकने, बहुत सारे तरल पदार्थ, आंखों और नाक को छूने से बचने और बुखार और शरीर में दर्द के लिए पेरासिटामोल के सेवन का आग्रह किया है।

पुरानी चिकित्सा समस्याओं के कारण कमजोर प्रतिरक्षा प्रणाली वाले लोगों के अलावा बड़े वयस्कों और छोटे बच्चों जैसे उच्च जोखिम वाले समूहों के लिए संक्रमण गंभीर हो सकता है। इंडियन मेडिकल एसोसिएशन ने हाल ही में डॉक्टरों से आग्रह किया है कि संक्रमण जीवाणु है या नहीं, इसकी पुष्टि करने से पहले मरीजों को एंटीबायोटिक्स न दें, क्योंकि वे एक प्रतिरोध विकसित कर सकते हैं।

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