दिल्ली में प्रदूषण से आंखों पर खतरा, मोतियाबिंद से लेकर अंधापन तक के हालात

KNEWS DESK-  दिल्ली की दमघोंटू हवा न केवल सांसों को कठिन बना रही है, बल्कि अब इसका खासा असर आंखों पर भी देखा जा रहा है। प्रदूषण में मौजूद महीन कण पुतलियों पर इस तरह चिपकते हैं कि ये आसानी से नहीं निकल पाते, जिससे आंखों में जलन, खुजली और अन्य समस्याएं उत्पन्न होती हैं। लंबे समय तक इस प्रदूषण के संपर्क में रहने से मोतियाबिंद और अंधापन जैसी गंभीर स्थितियां भी उत्पन्न हो सकती हैं।

आंखों में जलन और अन्य समस्याएं

नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ. रूबी मखीजा, जो दिल्ली नगर निगम के स्वच्छता अभियान की ब्रांड एंबेसडर भी हैं, बताती हैं कि दिल्ली में हवा में मौजूद पीएम 2.5 और उससे भी छोटे कण आंखों में जलन, खुजली, पानी आना और लालपन जैसी समस्याएं पैदा करते हैं। दिल्ली के वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) का स्तर इतना खराब है कि अगर कोई व्यक्ति एक या दो घंटे तक खुले में रहता है, तो उसे आंखों में इन समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है।

डॉ. मखीजा के अनुसार, प्रदूषण के कारण नेत्र रोगों के मामलों में लगातार बढ़ोतरी हो रही है। विशेष रूप से कार्नियल रोगों में तेजी देखी जा रही है, जैसे मोतियाबिंद, ग्लूकोमा, रेटिना और मैक्युलर डिजनरेशन। यह स्थिति पहले केवल बुजुर्गों में देखने को मिलती थी, लेकिन अब दिल्ली और एनसीआर के युवाओं में भी यह समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

प्रदूषण और आंखों की गंभीर बीमारियां

एम्स के डॉ. मनोहर बताते हैं कि हालिया अध्ययनों में यह साबित हुआ है कि दिल्ली और एनसीआर की हवा में मौजूद पीएम 2.5 से भी छोटे प्रदूषक तत्व आंखों के संपर्क में आने पर पुतली की सतह पर चिपक जाते हैं और धीरे-धीरे आंखों की सेहत को प्रभावित करते हैं। इसके अलावा, प्रदूषण से आंखों में होने वाली समस्याओं का दायरा अब और भी बढ़ गया है, जिससे आंखों के गंभीर रोग जैसे मैक्युलर डिजनरेशन, ग्लूकोमा और रेटिना समस्याएं उत्पन्न हो रही हैं।

आंखों की सुरक्षा के उपाय

प्रदूषण से बचने के लिए डॉ. मनोहर की सलाह है कि अगर ऑफिस के काम के दौरान आंखों में जलन या खुजली महसूस हो, तो कम से कम दो से तीन घंटे के लिए लैपटॉप या कंप्यूटर का उपयोग बंद करें। साथ ही, पानी का सेवन करें और शरीर को हाइड्रेटेड रखें। घर से बाहर निकलते समय आंखों की सुरक्षा के लिए चश्मा पहनें, और जब भी एयर क्वालिटी इंडेक्स (AQI) खराब हो, तो घर में रहने की कोशिश करें।

घर में रहने के दौरान, इनडोर एयर क्वालिटी को भी जांचें और एयर प्यूरीफायर का इस्तेमाल करें। अगर घर में एयर प्यूरीफायर नहीं है, तो ठंडे पानी से आंखों को धो सकते हैं ताकि प्रदूषण के कणों को बाहर निकाला जा सके।

दिल्ली नहीं, देशभर में बढ़ रही प्रदूषण की समस्या

भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) के अध्ययन के मुताबिक, वायु प्रदूषण अब दिल्ली और एनसीआर के अलावा देश के अन्य शहरों में भी समस्याएं पैदा कर रहा है। इस प्रदूषण में पार्टिकुलेट मैटर (PM), ओजोन (O3), नाइट्रोजन डाइऑक्साइड (NO2) और सल्फर डाइऑक्साइड (SO2) जैसे तत्वों का स्तर अत्यधिक बढ़ गया है, जो स्वास्थ्य पर प्रतिकूल प्रभाव डाल रहे हैं।

आईसीएमआर के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. रमेश आर ने बताया कि प्रदूषण के उच्च स्तर, विशेष रूप से कणिकीय पदार्थों के संपर्क में आने से आंखों की कई समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं, जैसे नेत्रश्लेष्मलाशोथ (Conjunctivitis), शुष्क नेत्र सिंड्रोम (Dry Eye Syndrome) और पटैरिजियम (Pterygium)।

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