KNEWS DESK- उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की इजाजत नहीं देता है। यह बंगाल की सीएम ममता बनर्जी पर हमला था, जिन्होंने कई वर्गों का ओबीसी दर्जा खत्म करने के कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश को स्वीकार करने से मना कर दिया।
सीएम योगी ने कहा कि ओबीसी आरक्षण पर नहीं बल्कि मुस्लिम आरक्षण पर कलकत्ता हाई कोर्ट का फैसला स्वागत योग्य है। भारत का संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की इजाजत नहीं देता। पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री और टीएमसी सरकार ने तुष्टीकरण की राजनीति की राह पर चलते हुए मजबूर किया है। 2010 में मुसलमानों को ओबीसी समुदाय का हिस्सा बनाया गया और उन्हें आरक्षण दिया गया। वे मुसलमान ओबीसी के अधिकारों को जबरदस्ती छीन रहे थे, इस असंवैधानिक कार्रवाई पर, कलकत्ता के माननीय उच्च न्यायालय ने टीएमसी सरकार के फैसले को चुनौती दी है। भारत का संविधान धर्म के आधार पर आरक्षण की इजाजत कभी नहीं दी जाएगी।
साथ ही उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि बाबासाहेब अंबेडकर ने हमेशा देश को चेतावनी दी थी कि भारत धार्मिक आधार पर विभाजित है। हमें कभी भी ऐसी स्थिति पैदा नहीं करनी चाहिए जो देश को विभाजन की ओर ले जाए। कर्नाटक में, कांग्रेस ने मुसलमानों को आरक्षण देकर ओबीसी के अधिकारों को छीन लिया और लोगों को ऐसा करने की संभावना है। आंध्र प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने जो किया उसका करारा जवाब। देश को बांटने या कमजोर करने की कोशिश करने वाला कोई भी असंवैधानिक काम, राजनीति के नाम पर देश में जो कुछ भी चल रहा है, वह कभी भी स्वीकार्य नहीं होना चाहिए उसको खारिज कर दिया जाना चाहिए और बेनकाब किया जाना चाहिए।
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीते बुधवार को कहा कि वह राज्य में कई वर्गों का ओबीसी दर्जा खत्म करने के कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश को स्वीकार नहीं करेंगी। उन्होंने संकेत दिया कि सरकार इस आदेश को उच्चतम न्यायालय में चुनौती दे सकती है। दमदम लोकसभा क्षेत्र के अंतर्गत खरदाह में एक चुनावी रैली को संबोधित करते हुए, ममता बनर्जी ने कहा कि राज्य में ओबीसी आरक्षण जारी रहेगा, क्योंकि संबंधित विधेयक संविधान के ढांचे के भीतर पारित किया गया था।
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