डिजिटल डेस्क- जम्मू-कश्मीर में आतंकी गतिविधियां एक बार फिर तेजी से बढ़ रही हैं। खुफिया सूत्रों के हवाले से सामने आई ताजा जानकारी के मुताबिक, आतंकवादी संगठन एक बार फिर पहलगाम जैसे हमले की साजिश रच रहे हैं। बताया जा रहा है कि पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI और उसकी स्पेशल सर्विस ग्रुप (SSG) इन आतंकियों को मदद और समर्थन दे रही है। इसी के मद्देनजर सुरक्षा एजेंसियों को अलर्ट मोड पर रखा गया है। अप्रैल 2025 में हुए पहलगाम आतंकी हमले को कोई नहीं भूल पाया है। इस हमले में कई जवान शहीद हुए थे, जिसके बाद भारतीय सेना ने ऑपरेशन सिंदूर चलाकर आतंकियों के ठिकानों को तबाह कर दिया था। हालांकि अब खुफिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, आतंकी संगठन उस हमले का “जवाबी हमला” करने की योजना बना रहे हैं।
घुसपैठ, ड्रोन गतिविधियों में देखी गई बढ़ोत्तरी
रिपोर्ट में कहा गया है कि सितंबर के बाद से कश्मीर में घुसपैठ, ड्रोन गतिविधियां और सीमा पार से रसद आपूर्ति में उल्लेखनीय बढ़ोतरी देखी गई है। लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद की कई यूनिटें LOC के रास्ते भारतीय सीमा में घुस चुकी हैं। इनमें से कई आतंकियों को पाकिस्तानी एजेंसियों से न सिर्फ तकनीकी मदद बल्कि साजो-सामान भी उपलब्ध कराया जा रहा है। खुफिया सूत्रों ने बताया कि आतंकी शमशेर की यूनिट इस समय सक्रिय है। यह यूनिट हवाई निगरानी के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर रही है। माना जा रहा है कि आने वाले दिनों में फिदायीन हमलों या हथियार गिराने की कोशिशें हो सकती हैं। पाकिस्तान की बॉर्डर एक्शन टीम (BAT), जिसमें पूर्व SSG सैनिक और प्रशिक्षित आतंकी शामिल हैं, को एक बार फिर पाक-अधिकृत कश्मीर (PoK) में तैनात किया गया है। इसका मकसद सीमा पार हमलों को अंजाम देना बताया जा रहा है।
सुरक्षा एजेंसियों को मिला इनपुट
सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिला है कि अक्टूबर 2025 में PoK में हुई एक हाईलेवल मीटिंग में जमात-ए-इस्लामी, हिज़्बुल मुजाहिदीन और ISI के वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए थे। इस बैठक में स्लीपर सेल्स को दोबारा एक्टिव करने, पुराने कमांडरों को फंड देने और ऑपरेशन सिंदूर में हुए नुकसान का बदला लेने की योजनाएं बनाई गईं।