KNEWS DESK- चंद्रयान 3 आज उड़ान भरने के लिए तैयार है। देश के तीसरे चंद्र मिशन चंद्रयान-3 के प्रक्षेपण के लिए उलटी गिनती शुरू हो गई है। श्रीहरिकोटा स्थित केंद्र से लॉन्च किया जाएगा। आपको बता दें कि ये चंद्रमिशन साल 2019 के चंद्रयान 2 का अनुवर्ती मिशन है। भारत के इस तीसरे चंद्र मिशन में वैज्ञानिकों का लक्ष्य चंद्रमा की सतह पर लैंडर की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ का है। चंद्रयान-2’ मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर ‘विक्रम’ पथ विचलन के चलते ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ करने में सफल नहीं हुआ था।
इसरो के महत्वाकांक्षी चंद्रयान प्रोजेक्ट को एलवीएम3एम4 रॉकेट शुक्रवार को लेकर अंतरिक्ष में जाएगा। इस रॉकेट को पूर्व में जीएसएलवीएमके3 कहा जाता था। भारी उपकरण ले जाने की इसकी क्षमता के कारण अंतरिक्ष वैज्ञानिक इसे ‘फैट बॉय’ भी कहते हैं। अगस्त के अंत में ‘चंद्रयान-3’ की ‘सॉफ्ट लैंडिंग’ की योजना बनाई गई है।
अगर इस बार इस मिशन में सफलता मिलती है तो भारत ऐसी उपलब्धि हासिल कर चुके अमेरिका, चीन और पूर्व सोवियत संघ जैसे देशों के क्लब में शामिल हो जाएगा। इसरो ने गुरुवार 13 जुलाई को एक सोशल मीडिया पोस्ट में कहा, ‘एलवीएम3एम4-चंद्रयान-3 मिशन: कल शुक्रवार-14 जुलाई को 14.35 बजे दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर किए जाने वाले प्रक्षेपण की उलटी गिनती शुरू हो गई है।
इसके पहले बीते मंगलवार 11 जुलाई को संपूर्ण प्रक्षेपण तैयारी और प्रक्रिया को देखने के लिए श्रीहरिकोटा में ‘प्रक्षेपण अभ्यास’ हुआ जो 24 घंटे से अधिक समय तक चला। इसके अगले दिन, वैज्ञानिकों ने मिशन तैयारी से संबंधित समीक्षा पूरी की।
इतने दिन में पूरा होगा चांद का सफर
चंद्रयान-3 धरती से चांद की 3.84 लाख किमी की दूरी 40 दिनों में तय करेगा। लॉन्चिंग के बाद रॉकेट इसे पृथ्वी के बाहरी ऑर्बिट तक ले जाएगा। इस दौरान रॉकेट 36 हजार किमी का सफर तय करेगा, जिसे पूरा करने में इसे 16 मिनट लगेंगे।
चंद्रयान-2 की तरह ही चंद्रयान-3 में भी लैंडर और रोवर भेजा जाएगा लेकिन इसमें ऑर्बिटर नहीं होगा। ऐसा इसलिए है क्योंकि पिछले मून मिशन का ऑर्बिटर अभी भी अंतरिक्ष में काम कर रहा है।