KNEWWS DESK… चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के बाद से ही लोगों में दिलचस्पी है कि अंतरक्षि यान ने कितना सफर तय कर लिया है? शनिवार को इसका जवाब ISRO ने दिया। इसरो के वैज्ञानिकों ने बताया कि तीसरे चंद्रयान ने पृथ्वी से चंद्रमा तक का दो तिहाई से ज्यादा सफर पूरा कर लिया है। आज का दिन बेहद खास है, क्योंकि शाम सात बजे चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा।
दरअसल आपको बता दें कि विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री जितेंद्र सिंह ने कहा कि चिंता की कोई बात नहीं है। भारत का तीसरा चंद्र मिशन चंद्रयान -3 अपनी एक महत्वपूर्ण छलांग लगाने के लिए तैयार है। चंद्रयान-3 शाम 7 बजे चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करने वाला है। लैंडिंग लगभग एक हफ्ते बाद होगी। चंद्रयान-3 आज शाम करीब 7 बजे चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा यानी यह चंद्रमा की गोलाकार कक्षा में चला जाएगा और पृथ्वी के प्राकृतिक उपग्रह की परिक्रमा करना शुरू कर देगा। बेंगलुरु में ISRO टेलीमेट्री, ट्रैकिंग और कमांड नेटवर्क लूनर ऑर्बिट इंजेक्शन प्रक्रिया अपनाएगा, जो अंतरिक्ष यान को चंद्रमा की कक्षा में स्थापित करेगा। एक बार जब अंतरिक्ष यान चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश कर लेगा, तो मिशन का एक महत्वपूर्ण हिस्सा शुरू हो जाएगा और एक बार फिर से उसी चरण को पूरा करने का प्रयास किया जाएगा जो ‘चंद्रयान 2’ नहीं कर सका था। एक बार जब चंद्रयान-3 चंद्रमा की कक्षा या चंद्रमा की कक्षा में प्रवेश करेगा, तो लैंडर अंतरिक्ष यान से अलग हो जाएगा और चंद्रमा की सतह पर उतरने का प्रयास करेगा। लैंडर का नाम ‘विक्रम’ है – जो ‘चंद्रयान-2’ मिशन के लैंडर का भी नाम था। 23 अगस्त को शाम लगभग 5.47 बजे चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट-लैंडिंग करने का प्रयास करेगा। विक्रम लैंडर को लैंडिंग चरण में प्रवेश करने से पहले डीबूस्ट युद्धाभ्यास की एक श्रृंखला के बाद 17 अगस्त को अंतरिक्ष यान से अलग होना है, जो मिशन का सबसे महत्वपूर्ण और सबसे कठिन हिस्सा है। 14 जुलाई को लॉन्च किया गया चंद्रयान-3 चंद्रमा की दो-तिहाई दूरी तय कर चुका है और अब मिशन एक महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश करने के लिए तैयार है, जो मिशन पर लगातार काम कर रहे वैज्ञानिकों के दिलों को बेचैन कर रहा है।
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