KNEWS DESK – केंद्र सरकार ने मंगलवार को विकिपीडिया को एक नोटिस जारी किया है, जिसमें प्लेटफॉर्म पर पक्षपाती और गलत जानकारी के प्रसार को लेकर सरकार ने विकिपीडिया के संचालन के तरीके पर सवाल उठाए हैं, खासकर कंटेंट के एडिटिंग और मॉडरेशन में एक छोटे समूह के प्रभाव को लेकर।
कंटेंट पर नियंत्रण की संभावना
सूत्रों के मुताबिक, सरकार ने विकिपीडिया के एडिटर्स के एक छोटे समूह द्वारा कंटेंट पर नियंत्रण की संभावना को लेकर चिंताएं जताई हैं, जो इसके न्यूट्रलिटी (निरपेक्षता) को प्रभावित कर सकता है।
सरकार ने विकिपीडिया से यह सवाल किया है कि क्यों इसे एक “पब्लिशर” के रूप में नहीं वर्गीकृत किया जाता, जबकि यह प्लेटफार्म बहुत हद तक सूचना का प्रकाशक है और न कि एक केवल “मध्यस्थ” (intermediary)। हालांकि, इस नोटिस पर न तो सरकार और न ही विकिपीडिया की ओर से कोई आधिकारिक बयान आया है।
एक स्वतंत्र इनसाइक्लोपीडिया या पक्षपाती प्लेटफार्म
बता दें कि विकिपीडिया को एक फ्री, ओपन-सोर्स ऑनलाइन इनसाइक्लोपीडिया के रूप में जाना जाता है, जो वॉलंटियर्स को विभिन्न विषयों पर पेज बनाने और संपादित करने की अनुमति देता है। लेकिन हाल ही में, इसे गलत जानकारी और पक्षपाती कंटेंट के लिए आलोचना का सामना करना पड़ा है। विशेष रूप से, अमेरिकी राष्ट्रपति चुनावों के दौरान विकिपीडिया के कुछ पेजों पर पक्षपातपूर्ण सामग्री के आरोप लगे थे, जो इसकी निष्पक्षता पर सवाल उठा रहे थे।
दिल्ली हाई कोर्ट की फटकार
कुछ हफ्तों पहले, दिल्ली हाई कोर्ट ने भी विकिपीडिया को फटकार लगाई थी। यह मामला समाचार एजेंसी एएनआई द्वारा दायर किया गया था, जिसमें आरोप लगाया गया था कि विकिपीडिया के पेजों पर अपमानजनक और गलत जानकारी दी जा रही है। कोर्ट ने विकिपीडिया के “फ्री इनसाइक्लोपीडिया” होने के दावे पर सवाल उठाया और कहा कि विकिपीडिया को एक मध्यस्थ के रूप में कार्य करना चाहिए, न कि एक पब्लिशर की तरह, जिससे यह सुनिश्चित हो सके कि प्लेटफार्म पर प्रकाशित जानकारी सही और निष्पक्ष हो।
एलन मस्क का आरोप
इस बीच, एक्स (पूर्व ट्विटर) के मालिक एलन मस्क ने भी विकिपीडिया पर अपनी आलोचनाएं जताई हैं। मस्क ने सार्वजनिक रूप से विकिपीडिया पर वामपंथी विचारधाराओं का समर्थन करने का आरोप लगाया है और साथ ही लोगों से विकिपीडिया को डोनेशन न देने की अपील की थी। उनका दावा है कि विकिपीडिया पर कंट्रोल वामपंथी एक्टिविस्ट्स के हाथ में है, जो इसे अपने राजनीतिक एजेंडे को बढ़ावा देने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं।
क्या है विकिपीडिया का भविष्य
विकिपीडिया ने हमेशा यह दावा किया है कि यह एक निष्पक्ष और स्वतंत्र प्लेटफार्म है, लेकिन इसके एडिटिंग प्रक्रिया और कंटेंट की मॉडरेशन पर लगातार सवाल उठते रहे हैं। सरकार द्वारा जारी नोटिस और दिल्ली हाई कोर्ट की फटकार यह संकेत देती है कि विकिपीडिया को अपने संचालन में कुछ बदलाव करने की आवश्यकता हो सकती है। यदि प्लेटफार्म पर गलत जानकारी और पक्षपाती कंटेंट के प्रसार को लेकर कोई ठोस कदम नहीं उठाए जाते हैं, तो यह उसे कानूनी और सार्वजनिक दबाव का सामना करने के लिए मजबूर कर सकता है।
विकिपीडिया के सामने अब यह चुनौती है कि वह अपने कंटेंट की निष्पक्षता और गुणवत्ता को बनाए रखे और इसके एडिटिंग और मॉडरेशन सिस्टम में सुधार लाए, ताकि वह एक विश्वसनीय सूचना स्रोत के रूप में अपनी प्रतिष्ठा को बचा सके।