यूपी में दो पहिया और चार पहिया वाहन खरीदना हुआ महंगा, विभाग को प्रतिवर्ष करीब 415 करोड़ का होगा फायदा

KNEWS DESK-  उत्तर प्रदेश में अब दो पहिया और चार पहिया वाहनों की खरीद महंगी हो गई है, क्योंकि राज्य सरकार ने वाहन खरीद पर रोड टैक्स में एक फीसदी की बढ़ोतरी कर दी है। मंगलवार को हुई कैबिनेट बैठक में परिवहन विभाग के इस प्रस्ताव को मंजूरी दे दी गई, जिससे अब प्रदेश में गाड़ी खरीदने पर अतिरिक्त खर्च करना पड़ेगा।

नए रोड टैक्स के तहत, यदि आप एक लाख रुपये कीमत का दो पहिया वाहन खरीदते हैं, तो आपको एक हजार रुपये अतिरिक्त खर्च करने होंगे। इसी तरह, 10 लाख रुपये तक के चार पहिया वाहनों पर अब 10 हजार रुपये का अतिरिक्त टैक्स देना होगा। इसके अलावा, अब 10 लाख रुपये से कम कीमत की नॉन एसी गाड़ी पर 7 फीसदी की जगह 8 फीसदी टैक्स लगेगा, जबकि वातानुकूलित गाड़ियों पर टैक्स 8 फीसदी से बढ़कर 9 फीसदी हो जाएगा। वहीं, 10 लाख रुपये से अधिक कीमत वाली चार पहिया वाहनों पर अब 10 फीसदी की जगह 11 फीसदी टैक्स लिया जाएगा।

परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह के अनुसार, यह रोड टैक्स बढ़ोतरी करीब 10 साल बाद की गई है। उन्होंने यह भी बताया कि अन्य राज्यों जैसे महाराष्ट्र और राजस्थान के मुकाबले उत्तर प्रदेश में अभी भी रोड टैक्स की दरें कम हैं।

नई अधिसूचना के मुताबिक, 40 हजार रुपये से कम कीमत वाले दो पहिया वाहनों पर पहले की तरह 7 फीसदी टैक्स लिया जाएगा, जबकि 40 हजार रुपये से अधिक मूल्य वाले दो पहिया वाहनों पर एक फीसदी अधिक टैक्स देना होगा। इस बदलाव से वाहन खरीदने वालों को अतिरिक्त खर्च का सामना करना पड़ेगा।

भारी वाहनों, जो 7.50 टन से अधिक वजन वाले हैं और माल वाहक के रूप में उपयोग होते हैं, को अब तिमाही टैक्स के बजाय एकमुश्त टैक्स देने की सुविधा मिल रही है। इससे उन्हें बार-बार कार्यालय के चक्कर नहीं लगाने पड़ेंगे। हालांकि, इस बदलाव में टैक्स की दर में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है।

प्रदेश में रोड टैक्स में एक फीसदी की बढ़ोतरी से परिवहन विभाग को अतिरिक्त 412 से 415 करोड़ रुपये का राजस्व प्राप्त होने का अनुमान है। यह कदम खास तौर पर इलेक्ट्रिक वाहनों पर दी जा रही छूट से होने वाले नुकसान की भरपाई करने के लिए उठाया गया है, जिससे विभाग को लगभग एक हजार करोड़ रुपये का नुकसान हो रहा है। रोड टैक्स में वृद्धि से इस नुकसान को कवर किया जा सकेगा।

उत्तर प्रदेश में फिलहाल लगभग 4.82 करोड़ वाहन हैं और हर साल 30 से 32 लाख नए वाहन जोड़े जाते हैं। इसके अलावा, विभाग को वाहनों के चालान और शमन शुल्क के रूप में हर साल लगभग 165.74 करोड़ रुपये का राजस्व भी प्राप्त होता है।

इस नए बदलाव के साथ, सरकार की योजना है कि अधिक राजस्व अर्जित कर राज्य के विकास कार्यों को गति दी जाए, जबकि वाहन मालिकों को भी नए टैक्स ढांचे के अनुरूप अपने खर्चों की योजना बनानी होगी।

ये भी पढ़ें-   उनका फैसला रंग लाया…श्रेयस अय्यर के इस फैसले की हो रही जमकर तारीफ

About Post Author

Leave a Reply

Your email address will not be published.