KNEWS DESK- आज यानी 3 फरवरी को बिहार में मंत्रियों के विभाग बंटवारे की आधिकारिक सूची जारी हो गई है। सूत्रों के मुताबिक बीजेपी हाईकमान से हरी झंडी मिलने के बाद नीतीश कुमार ने सभी मंत्रियों के विभाग आवंटित कर दिए। नीतीश कुमार ने खुद के पास गृह विभाग रखा है।
उप मुख्यमंत्री सम्राट चौधरी को वित्त और स्वास्थ्य विभाग दिया है। दूसरे वित्त मंत्री विजय सिन्हा को पथ निर्माण और राजस्व मिला है। विभाग बंटवारे को लेकर सबसे बड़ी तब्दीली शिक्षा को लेकर हुई है। नीतीश कुमार ने इस बार शिक्षा अपने पास ही रखा है। महागठबंधन की सरकार में यह विभाग राष्ट्रीय जनता दल के पास था।
मुख्यमंत्री के पास क्यों हैं ये तीनों विभाग-
जेडीयू सूत्रों के मुताबिक नीतीश कुमार अपने पास गृह, समान्य प्रशासन और इंटेलिजेंस विभाग पहले की भांति ही रखा है। पहले गृह विभाग सम्राट चौधरी को दिए जाने की चर्चा थी। यह तीनों ही विभाग सरकार चलाने के दृष्टिकोण से सबसे अहम माने जाते हैं। गृह विभाग के जिम्मे लॉ एंड ऑर्डर और समस्त पुलिस पदाधिकारी आते हैं। आरजेडी की सरकार के वक्त भी गृह विभाग मुख्यमंत्री राबड़ी देवी के पास ही था।
सामान्य प्रशासन विभाग का काम अधिकारियों का ट्रांसफर-पोस्टिंग करना है। इसे सियासी गलियारों में सबसे मलाईदार विभाग की संज्ञा दी जाती है। यह विभाग भी नीतीश कुमार लंबे वक्त से अपने पास ही रख रहे हैं।
इंटेलिजेंस विभाग भी सरकार के संचालन में अहम भूमिका निभाता है। यह विभाग भी नीतीश लंबे वक्त से अपने पास ही रख रहे हैं। इसके अलावा कैबिनेट सचिवालय और इलेक्शन डिपार्टमेंट भी नीतीश पहले की तरह अपने पास रख सकते हैं।
5 प्वॉइंट्स में विभाग आवंटन की पूरी एनालिसिस-
1. शिक्षा नौकरी देने वाला विभाग, विवाद नहीं चाहते हैं- बिहार में पिछली सरकार में शिक्षा सबसे विवादित विभाग बन गया था। शिक्षा मंत्री और शिक्षा सचिव के बीच हमेशा विवादों की खबर आती थी। नीतीश ने इस बार यह विभाग जेडीयू के कोटे में रख दिया है।
शांत स्वभाव के विजय चौधरी को यह विभाग दिया गया है। शिक्षा विभाग हाल के दिनों में नौकरी देने को लेकर भी सुर्खियों में रहा है। ऐसे में नीतीश के अपने पास इस विभाग को रखने के पीछे क्रेडिट की लड़ाई को भी अहम वजह माना जा रहा है।
2. सम्राट चौधरी पेश करेंगे बजट, वित्त बीजेपी को मिला- 2024-25 का बजट अब सम्राट चौधरी पेश करेंगे। नीतीश कुमार ने वित्त विभाग बीजेपी को दे दिया है। अभी तक जेडीयू के विजय चौधरी वित्त मंत्री थे।
यानी अब बीजेपी यह तय करेगी कि किस विभाग में कितने पैसे खर्च किए जाएं?
3. मांझी की मांग दरकिनार, बेटे को नहीं मिला बड़ा विभाग- जीतन राम मांझी अपने बेटे के लिए ग्रामीण विकास जैसे बड़े विभाग चाहते थे, लेकिन पहले की तरह ही उन्हें एससी-एसटी वेलफेयर और सूचना प्रवौद्यिकी विभाग दिया गया है।
ग्रामीण विकास विभाग जेडीयू के श्रवण कुमार को मिला है। उन्हें खाद्य एवं उपभोक्ता मंत्रालय भी दिया गया है।
4. निर्दलीय सुमित का जलवा बरकार, पुराने विभाग ही मिले- निर्दलीय सुमित कुमार का वर्चस्व इस सरकार में भी बरकार है। उन्हें पहले की तरह ही आईटी मिनिस्ट्री सौंपी गई है।
जीतन राम मांझी ने सुमित के विभाग को लेकर सवाल उठाया था। चिराग पासवान भी सुमित को लेकर नाराज बताए जा रहे थे।
5. बड़े बजट वाला विभाग बीजेपी के पास- बिहार में बजट के दृष्टिकोण से 3 विभाग सबसे अहम हैं. 2023-24 में शिक्षा विभाग का बजट 40,450 करोड़, सड़क निर्माण का 17,487 करोड़ और स्वास्थ्य का 16,966 करोड़ रखा गया है।
नई सरकार में 3 में से 2 विभाग बीजेपी के पास चला गया है। शिक्षा जेडीयू के हिस्से आया है।
10 फरवरी के बाद होगा कैबिनेट का विस्तार
सूत्रों के मुताबिक 10 फरवरी को नई सरकार विश्वासमत हासिल करेगी, इसके बाद कैबिनेट विस्तार किया जाएगा। एनडीए की नई सरकार में जेडीयू के 12 मंत्री बनाए जाएंगे। वहीं बीजेपी कोटे से 18 मंत्री को कैबिनेट में जगह मिलेगी।
पहले की तरह ही नीतीश कुमार कैबिनेट में 2-3 पद रिक्त रखेंगे।
विश्वासमत हासिल करने के बाद सरकार सबसे पहले स्पीकर को हटाने का काम करेगी। बीजेपी को अब फिर से स्पीकर का पद मिलेगा। बीजेपी की तरफ से स्पीकर को लेकर रेणु देवी और नंद किशोर यादव का नाम चर्चा में है।
विभाग बंटवारे पर क्या कहते हैं नेता?
1. विनोद तावड़े, बीजेपी महासचिव और बिहार प्रभारी- बिहार में कैबिनेट विस्तार और विभाग बंटवारे को लेकर सभी बातों पर सहमति बन गई है. इस पर ज्यादा बोलने के लिए पार्टी की तरफ से सम्राट चौधरी अधिकृत हैं।
2. केसी त्यागी, जेडीयू प्रवक्ता और राष्ट्रीय एडवाइजर- कैबिनेट विस्तार मुख्यमंत्री का विशेषाधिकार है। 10 फरवरी के बाद ही यह होगा। सरकार का फोकस विश्वासमत हासिल करना है।
अभी नीतीश कुमार कैबिनेट का हाल क्या है?
नीतीश कुमार की नई सरकार में मुख्यमंत्री समेत 9 मंत्री शामिल हैं. सम्राट चौधरी और विजय सिन्हा डिप्टी सीएम हैं। दोनों बीजेपी कोटे से डिप्टी सीएम बनाए गए हैं। वहीं बीजेपी ने प्रेम कुमार को मंत्री बनाया है।
जेडीयू कोटे से विजय चौधरी, श्रवण कुमार और विजेंद्र यादव कैबिनेट में शामिल हैं. निर्दलीय सुमित कुमार और हम के संतोष मांझी भी सरकार में शामिल हैं। बिहार में मुख्यमंत्री समेत कुल 36 मंत्री बनाए जा सकते हैं।
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