KNEWS DESK- भारतीय कुश्ती महासंघ की मान्यता रद्द होने के बाद रविवार को दिग्गज पहलवान बजरंग पूनिया ने अपना रिएक्शन दिया| उन्होंने कहा है कि जब तक न्याय नहीं मिल जाता, वह पद्मश्री पुरस्कार वापस नहीं लेंगे|
जानकारी के अनुसार, बजरंग पूनिया ने कहा, मैं पद्मश्री वापस नहीं लूंगा| न्याय मिलने के बाद ही मैं इसके बारे में सोचूंगा| उन्होंने कहा, कोई भी पुरस्कार हमारी बहनों के सम्मान से बड़ा नहीं है| हमें सबसे पहले न्याय मिलना चाहिए|
आपको बता दें कि बजरंग पूनिया ने बृजभूषण शरण सिंह के करीबी संजय सिंह के भारतीय कुश्ती महासंघ के अध्यक्ष पद पर चुने जाने के विरोध में अपना पद्मश्री लौटा दिया था| बजरंग पूनिया 22 दिसंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिलने और अपना विरोध पत्र सौंपने के लिए कर्तव्य पथ पर पहुंचे थे| हालांकि पुलिसकर्मियों ने उन्हें वहां रोक दिया था| इसके बाद बजरंग ने अपना पद्मश्री पदक फुटपाथ पर पत्र के ऊपर रख दिया था|
इसके पहले बजरंग पूनिया ने अपने X अकाउंट पर एक पोस्ट शेयर कर लिखा था- मैं अपना पद्मश्री सम्मान प्रधानमंत्री को वापस लौटा रहा हूं| कहने के लिए बस मेरा यह पत्र है| यही मेरा बयान है| इस पत्र में उन्होंने बृजभूषण के खिलाफ विरोध प्रदर्शन से लेकर उनके करीबी के चुनाव जीतने तक और सरकार के एक मंत्री से हुई बातचीत, उनके आश्वासन के बारे में बताया था और अंत में पद्श्री लौटाने की बात कही थी|