KNEWS DESK- आज यानी 30 अप्रैल को पतंजलि आयुर्वेद भ्रामक विज्ञापन मामले में सुनवाई हुई। जिसमें बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण पेश हुए साथ ही दोनों को सुप्रीम कोर्ट से राहत मिली है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि अगली सुनवाई में आपको पेश नहीं होना होगा हालांकि साफ ये भी कहा कि ये छूट केवल अगली सुनवाई के लिए ही है। सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने उत्तराखंड सरकार को भी फटकार लगाई है।
बता दें कि जस्टिस हिमा कोहली और अहसानुद्दीन अमानुल्लाह की पीठ ने मामले की सुनवाई की। पतंजलि की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने कोर्ट में कहा कि हमने माफी संबंधी विज्ञापन दिया है। रोहतगी ने कहा कि मैं आपके सामने अखबार की प्रति लेकर सामने हूं. यह मैं आपको यहीं दे रहा हूं। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपकी ओर से ई-फाइलिंग प्रति दी गई, वास्तविक नहीं, मसला ये है लेकिन सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि आपने हलफनामा दाखिल किया। इसमें वास्तविक प्रति नहीं लगाई. कैसे पता चलेगा कि विज्ञापन का साइज क्या है?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि बाबा रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को अगली सुनवाई में कोर्ट में पेश नहीं होना होगा हालांकि साफ ये भी कहा कि ये सिर्फ अगली सुनवाई के लिए ही है। बता दें कि अगली सुनवाई 14 मई को होगी।
दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट पर लगा बैन
उत्तराखंड लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने दिव्य फार्मेसी के 14 प्रोडक्ट पर बैन लगा दिया है। बन लगाए गए प्रोडक्ट में दृष्टि आई ड्रॉप, स्वासारि गोल्ड, स्वासारि वटी, ब्रोंकोम, स्वासारि प्रवाही, स्वासारि अवलेह, मुक्ता वटी एक्स्ट्रा पावर, लिपिडोम, बीपी ग्रिट, मधुग्रिट और मधुनाशिनी वटी एक्स्ट्रा पावर, लिवामृत एडवांस, लिवोग्रिट और आईग्रिट गोल्ड शामिल है।
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