KNEWS DESK- समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता और पूर्व सांसद आजम खान को बड़ी राहत मिली है| एमपी-एमएलए कोर्ट ने डूंगरपुर बस्ती के एक घर में घुसकर डकैती मामले में आजम खान सहित अन्य सातों आरोपी को बरी कर दिया है| इस मामले में मंगलवार को ही सुनवाई पूरी हो गई थी लेकिन कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया है|
दरअसल, सपा सरकार में डूंगरपुर में आसरा आवास बनाए गए थे| यहां पहले से ही कई लोगों के मकान बने हुए थे, जिन्हें 3 फरवरी 2016 की सुबह तोड़ दिया गया| कहा गया कि ये मकान सरकारी जमीन पर बने हैं, जिसके चलते यह कार्रवाई की गई| बीजेपी की सरकार आने पर 25 जुलाई 2019 को इन लोगों ने गंज कोतवाली में मुकदमे दर्ज कराये गए| यह मुकदमे 12 अलग-अलग लोगों द्वारा दर्ज कराए गए|
शिकायतकर्ताओं का आरोप था कि सपा सरकार में आजम खान के इशारे पर ही पुलिस और सपाइयों ने बस्ती में आसरा आवास बनाने के लिए उनके घरों को जबरन खाली कराया था| इतना ही नहीं उनके साथ मारपीट और लूटपाट की गई| मकानों पर बुलडोजर चलवाकर ध्वस्त किया गया था| बयानों के आधार पर पुलिस ने इस मामले में पूर्व पालिकाध्यक्ष अजहर अहमद खां, ठेकेदार बरकत अली, रिटायर्ड सीओ आले हसन, फिरोज खां, रानू खां, धर्मेंद्र चौहान, आजम खान को आरोपी बनाया था| साथ ही उनके खिलाफ चार्जशीट भी दाखिल की थी|
आजम खान अपने बेटे व सपा के पूर्व विधायक अब्दुल्ला आजम के दो जन्म प्रमाण पत्र मामले में सजा काट रहे हैं| अक्टूबर 2023 में एमपी-एमएलए कोर्ट ने आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे को दोषी करार दिया था| साथ ही तीनों को 7-7 साल की सजा भी सुनाई थी| फैसला आते ही आजम खान को परिवार सहित कोर्ट से ही सीधा जेल भेज दिया गया था|