सहारा में फंसा पैसा अब मिलेगा वापस, अमित शाह ने लॉन्च किया ‘सहारा रिफंड पोर्टल’

KNEWS DESK- केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह ने 18 जुलाई को सहारा रिफंड पोर्टल को लॉन्च कर दिया है| जिसके जरिए सहारा की सहकारी समितियों में लोगों के कई सालों से डूबे पैसे वापस मिलने की उम्मीद जागी है| इस पोर्टल के माध्यम से सभी निवेशकों को उनके पैसे वापस मिलेंगे|

सहारा रिफंड पोर्टल के शुभारंभ के कार्यक्रम में अमित शाह ने कहा कि सहारा की सहकारी समितियों में जिन लोगों के रुपये कई सालों से डूबे हुए थे, उसे लौटाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है| उन्होंने यह भी कहा, लगभग चार करोड़ लोगों को शुरुआती तौर पर फायदा होगा| सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए पारदर्शी तरीके से 5000 करोड़ रुपये निवेशकों को वापस मिलेंगे|

अमित शाह ने कहा कि कई साल कोर्ट में केस चला, मल्टी एजेंसी सीजर हुआ, नरेंद्र मोदी की सरकार ने ऐसे हालात में निवेशकों के हितों को लेकर पहल रिफंड पोर्टल के जरिए की है| उन्होंने आगे कहा कि सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जब निवेशकों की परेशानी समझ कर काम करें, तो ये हमारे लिए गौरव की बात है जिन्होंने निवेश किया है, उनके पैसों को वापस करने से कोई नहीं रोक सकता| ये बहुत बड़ी शुरुआत है, पारदर्शिता के साथ करोड़ों लोगों को उनकी गाढ़ी कमाई वापस मिलने की शुरुआत हो गई है|

रिफंड की पूरी प्रक्रिया

सहारा रिफंड पोर्टल के जरिए उन निवेशकों के पैसे वापस दिए जाएंगे जिनके निवेश की अवधि यानी समय सीमा पूरी हो चुकी है| इस पोर्टल पर निवेशक अपना नाम दर्ज कराएंगे| वेरिफिकेशन के बाद उनके पैसे लौटने की प्रक्रिया शुरू होगी|निवेशकों के दस्तावेज सहारा समूह की समितियों के अनुसार 30 दिन के अन्दर वेरिफाई किए जाएंगे|इसके बाद ऑनलाइन क्लेम दर्ज करने के 15 दिन के अन्दर SMS के द्वारा निवेशकों को सुचना मिलेगी| फिर बैंक अकाउंट में पैसे आ जाएंगे मान कर चलो कि इस प्रोसेस में कम से कम 45 दिन लगेंगे|

अपने पैसे वापस पाने के लिए निवेशकों को सबसे पहले ये चेक करना होगा कि उनका पैसा किस कॉ कोऑपरेटिव में लगा है| फिर उससे जुड़े अपने सारे दस्तावेज जुटाने होंगे|

सुप्रीम कोर्ट का आदेश 

आपको बता दें कि सहारा ग्रुप की सहारा क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड, सहारायन यूनिवर्सल मल्टीपर्पज सोसाइटी, हमारा इंडिया क्रेडिट कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड और स्टार्स मल्टीपर्पज कोऑपरेटिव सोसाइटी लिमिटेड के पास जमा राशि वाले इंवेस्टर्स को राहत दिलाने के लिए सहकारिता मंत्रालाय ने सुप्रीम कोर्ट में अर्जी दायर की थी| इसके बाद सुप्रीम कोर्ट ने 5,000 करोड़ रुपये CRCS को ट्रांसफर करने का आदेश दिया था|

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