KNEWS DESK- एयर इंडिया, जो वर्तमान में टाटा समूह के स्वामित्व में है, ने अपनी फ्लाइट्स में भोजन को लेकर एक बड़ा कदम उठाया है। अब से एयर इंडिया के विमानों में उड़ान के दौरान हिंदू और सिख यात्रियों को ‘हलाल’ भोजन नहीं परोसा जाएगा। इसके बजाय, ‘हलाल’ मांस वाले खाद्य पदार्थों को ‘स्पेशल मील’ (SPML) के रूप में परोसा जाएगा। एयर इंडिया का यह निर्णय हिंदू और मुस्लिम भोजन के नामकरण को लेकर उठे विवाद के बाद आया है।
विवाद क्या था?
कुछ समय पहले, एयर इंडिया में उड़ान के दौरान परोसे जाने वाले भोजन को लेकर विवाद गहराया था। यह विवाद विशेष रूप से ‘मुस्लिम मील’ और ‘हिंदू मील’ के नामकरण से जुड़ा हुआ था। कांग्रेस सांसद मनिकम टैगोर ने इस मुद्दे को उठाते हुए सवाल किया था कि एयर इंडिया की फ्लाइट्स में हिंदू भोजन और मुस्लिम भोजन क्या होते हैं? उन्होंने नागरिक उड्डयन मंत्रालय से इस मामले में कार्रवाई की उम्मीद जताई थी। उनके सवाल ने एयर इंडिया को इस नामकरण पर पुनर्विचार करने पर मजबूर किया।
नया आदेश: ‘मुस्लिम मील’ अब ‘स्पेशल मील’
एयर इंडिया ने अपने निर्णय में स्पष्ट किया कि अब से ‘मुस्लिम मील’ को ‘स्पेशल मील’ के रूप में लेबल किया जाएगा। एयरलाइन के अनुसार, ‘स्पेशल मील’ के तहत दिए गए सभी प्रीबुक भोजन में हलाल सर्टिफिकेट होगा। हलाल प्रमाणपत्र केवल उन भोजन को दिया जाएगा जो ‘MOML’ (Muslim Other Meal) के तहत बुक किए गए होंगे।
इस कदम का उद्देश्य भोजन को धार्मिक आधार पर विभाजित करने की बजाय इसे एक सामान्य विकल्प के रूप में पेश करना है, ताकि विवादों से बचा जा सके। एयरलाइन ने यह भी कहा कि जिन उड़ानों पर हलाल भोजन की आवश्यकता होती है, जैसे कि सऊदी अरब के जेद्दा, रियाद और मदीना जैसे सेक्टरों पर, वहां हलाल प्रमाणपत्र वाला भोजन ही परोसा जाएगा।
हलाल और झटका मांस में अंतर
‘हलाल’ और ‘झटका’ मांस की प्रक्रिया में एक बुनियादी अंतर होता है, जो इस विवाद का केंद्रीय विषय बन गया था।
- हलाल मांस: इस्लामी परंपरा में, हलाल मांस उस मांस को कहा जाता है जिसे धार्मिक विधियों के अनुसार तैयार किया जाता है। इसमें जानवर को काटने से पहले एक विशेष प्रक्रिया का पालन किया जाता है, जिसमें उसे धीरे-धीरे गला काटा जाता है, ताकि मांस शुद्ध रहे।
- झटका मांस: झटका मांस में जानवर को एक ही बार में सीधा काट दिया जाता है, जो हिंदू धर्म में स्वीकृत प्रक्रिया मानी जाती है। इसे ‘कड़क’ मांस भी कहा जाता है, और यह हलाल के मुकाबले एक अलग प्रक्रिया है।
एयर इंडिया का नया कदम और भविष्य
एयर इंडिया ने यह कदम धार्मिक संवेदनाओं को ध्यान में रखते हुए उठाया है, ताकि विभिन्न धार्मिक समूहों के बीच उत्पन्न हो रहे असंतोष को कम किया जा सके। अब से फ्लाइट्स में दिए जाने वाले मांसाहारी भोजन को एक सामान्य नाम ‘स्पेशल मील’ दिया जाएगा, और हलाल मांस का प्रमाणपत्र केवल उन उड़ानों पर लागू होगा जहां विशेष रूप से इसका पालन किया जाता है। हालांकि, यह कदम न केवल एयर इंडिया के लिए बल्कि एयरलाइन उद्योग में एक महत्वपूर्ण बदलाव है, जहां धर्म के आधार पर भोजन को पहचानने का चलन था। एयर इंडिया का यह कदम समाज के विभिन्न वर्गों को जोड़ने और सामूहिक सम्मान को बढ़ाने का प्रयास है।