एआईएमआईएम चीफ असदुद्दीन ओवैसी का बड़ा बयान, कहा- ‘हम पर थोपा जा रहा है यूसीसी’

KNEWS DESK- इस समय देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर काफी चर्चा चल रही है। इसी बीच एआईएमआईएम चीफ और सांसद असदुद्दीन ओवैसी लगातार इसे लेकर अपनी बात रख रहे हैं। ओवैसी ने शुक्रवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कहा कि हमने लॉ कमीशन को अपना रेस्पॉन्स और उसके साथ रिटायर्ड जस्टिस गोपाल गौड़ा का लीगल ओपिनियन भी भेजा है। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के वकील निजाम पाशा ने इस रेस्पॉन्स को तैयार करने में मदद की। उन्होंने बताया कि सुप्रीम कोर्ट के वकील निजाम पाशा ने इस रेस्पॉन्स को तैयार करने में मदद की।

असदुद्दीन ओवैसी ने लॉ कमीशन के नोटिफिकेशन पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि नोटिफिकेशन में लॉ कमीशन ने लोगों से उनके विचार पूछे हैं, कोई प्रपोजल नहीं दिया है। ओवैसी ने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि लॉ कमीशन पांच साल के बाद फिर से यूसीसी पर एक्सरसाइज कर रहा है। उन्होंने कहा कि हर चुनाव से पहले ये होता है, ताकि बीजेपी को आने वाले चुनावों में फायदा हो सके।

नॉटिफिकेशन पर किए सवाल खड़े

आपको बता दें कि असदुद्दीन ओवैसी ने लॉ कमीशन के नोटिफिकेशन पर सवाल खड़े किए। उन्होंने कहा कि नोटिफिकेशन में लॉ कमीशन ने लोगों से उनके विचार पूछे हैं, कोई प्रपोजल नहीं दिया है। ओवैसी ने मोदी सरकार को निशाने पर लेते हुए कहा कि लॉ कमीशन पांच साल के बाद फिर से यूसीसी पर एक्सरसाइज कर रहा है। उन्होंने कहा कि हर चुनाव से पहले ये होता है, ताकि बीजेपी को आने वाले चुनावों में फायदा हो सके।

एआईएमआईएम सांसद असदुद्दीन ओवैसी ने कहा कि हमारा मानना है, ये पॉलिटिकल एक्सरसाइज है। उन्होंने कहा कि ऐसा इसलिए है ताकि लोकसभा चुनाव से पहले जनता का ध्यान महंगाई, गरीबी, बेरोजगारी, चीन जैसे मुद्दों से हट जाए। उन्होंने कहा कि उत्तराखंड में यूसीसी लागू करने के लिए जो कमेटी बनाई गई है, वो आर्टिकल 44 का सीधा उल्लंघन है।

उन्होंने कहा कि इस्लाम में कबूल है बोलते हैं, जबकि हिंदुओं में ऐसा नहीं है. जब रिचुअल पूरा हो जाता है तो शादी पूरी मानी जाती है। उन्होंने कहा कि मुस्लिम पर्सनल लॉ में महिलाओं को शादी टूटने पर ज्यादा अधिकार हासिल हैं। असदुद्दीन ओवैसी ने दावा करते हुए कहा, ”इस्लाम में सबसे पहले महिलाओं को प्रॉपर्टी में हिस्सा दिया गया। इस्लाम में महिला को पति और पिता दोनों से प्रॉपर्टी मिलती है। इस्लाम में बीवी की कमाई में पति का कोई हिस्सा नहीं होता है. हिंदू महिलाओं की ये सब हासिल नहीं है.”

 

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