KNEWS DESK… केरल में निपाह वायरस का कहर जबरदस्त देखने को मिल रहा है. निपाह वायरस से संक्रमित दो लोगों की अब तक जान जा चुकी है, और चार लोग इस वायरस से संक्रमित हो चुके हैं. इस वायरस को लेकर केरल सरकार ने कहा था कि यह बांग्लादेशी वेरिएंट है, जो काफी खतरनाक है. केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज ने कहा कि यह वायरस इंसान से इंसान में फैलता है. इसके फैलने की गति धीमी है, लेकिन यह बेहद खतरनाक है.
दरअसल, इस वायरस की मृत्यु दर कोरोना वायरस जब निपाह वायरस पहली बार केरल में पाया गया था, तो 23 संक्रमित लोगों में से 21 की जान चली गई थी. इसके बाद 2019 और 2021 में फिर से निपाह के मामले पाए गए. जहां एक तरफ कोरोना वायरस की वैक्सीन एक वर्ष के अंदर तैयार हो गई थी तो वहीं पर दूसरी तरफ निपाह वायरस की वैक्सीन और दवा अभी तक उपलब्ध नहीं है. यह दिमाग और तंत्रिका तंत्र पर अटैक करता है. इस वायरस के कारण व्यक्ति बहुत जल्दी कोमा में जा सकता है. इसके लक्षण तेज बुखार, बदन दर्द, उल्टी हैं. ऐसा कहा जाता है कि यह वायरस चमगादड़ों से फैला है. इस वायरस की पहचान 1999 में मलेशिया और सिंगापुर में हुई थी.
केरल पहुंची केंद्र सरकार की टीम
जानकारी के लिए बता दें कि निपाह वायरस की पुष्टि के बाद NIV पुणे की टीम केरल पहुंच गई है. कोझिकोड मेडिकल कॉलेज में एक मोबाइल लैब स्थापित की गई है. चेन्नई से विशेषज्ञों की एक टीम भी केरल पहुंची है. कोझिकोड प्रशासन ने सात ग्राम पंचायतों को निषिद्ध क्षेत्र घोषित किया है. लोगों को मास्क पहनने और सैनिटाइजर का इस्तेमाल करने की सलाह दी गई है.
बांग्लादेश में कैसे फैला ये वायरस?
बता दें कि निपाह वायरस ने 2016 में बांग्लादेश में कई लोगों की जान ले ली थी. बताया गया था कि यह वायरस खजूर के फलों से फैला था. ताड़ के पेड़ों पर चमगादड़ों का जमावड़ा रहता था. इसके बाद कई लोगों ने इस पेड़ के खजूर और तरल पदार्थ का सेवन किया और बीमार हो गए. यह निपाह का बांग्लादेश वैरिएंट है जो केरल में फैल रहा है.
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