सीओ के खिलाफ 100 करोड़ की बेनामी संपत्ति और गिरोह से संबंध के आरोप के विजिलेंस जांच शुरू, शासन ने किया निलंबित

डिजिटल डेस्क- यूपी पुलिस के एक बड़े अफसर पर भ्रष्टाचार और आपराधिक गठजोड़ के गंभीर आरोप लगे हैं। मैनपुरी में तैनात पुलिस उपाधीक्षक (सीओ) ऋषिकांत शुक्ल को शासन ने निलंबित करते हुए उनके खिलाफ विजिलेंस जांच के आदेश दिए हैं। कानपुर पुलिस की स्पेशल इंवेस्टिगेशन टीम (एसआईटी) की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि ऋषिकांत शुक्ल और उनके परिजनों के पास लगभग 100 करोड़ रुपये की अकूत व बेनामी संपत्ति है। एसआईटी रिपोर्ट में यह भी आरोप लगाया गया है कि सीओ ऋषिकांत शुक्ल ने जेल में बंद अधिवक्ता अखिलेश दुबे के गिरोह को सहयोग किया था। अखिलेश दुबे को कुछ महीने पहले “ऑपरेशन महाकाल” के तहत गिरफ्तार कर जेल भेजा गया था। रिपोर्ट के अनुसार, दुबे के आपराधिक नेटवर्क को पुलिस, पत्रकारों और कुछ वकीलों की मदद से मजबूत किया जा रहा था। इन्हीं आरोपों की जांच में ऋषिकांत शुक्ल का नाम प्रमुख रूप से सामने आया था।

आरोप सही साबित होने पर भ्रष्टाचार निवारण एक्ट के तहत होगी कार्रवाई

सूत्रों के मुताबिक, एसआईटी की विस्तृत जांच रिपोर्ट शासन को सौंपे जाने के बाद मुख्यमंत्री कार्यालय ने तत्काल प्रभाव से सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए। गृह विभाग ने शुक्ल को निलंबित कर उनके खिलाफ विजिलेंस जांच शुरू करने का आदेश जारी कर दिया है। शासन ने स्पष्ट किया है कि अगर आरोप सही पाए गए तो आगे की कार्रवाई भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम के तहत की जाएगी। एसआईटी की रिपोर्ट में बताया गया है कि ऋषिकांत शुक्ल ने अपने परिजनों और कुछ साझेदारों के नाम पर करोड़ों रुपये की संपत्ति अर्जित की, जिसमें महंगे प्लॉट, मकान, फ्लैट, गाड़ियां और निवेश शामिल हैं। इनमें से कई संपत्तियां बेनामी बताई जा रही हैं।

सीओ ने दी सफाई

इस मामले में पहले भी कई पुलिसकर्मी और केडीए (कानपुर विकास प्राधिकरण) के कर्मचारी एसआईटी की जांच के दायरे में आ चुके हैं। हाल ही में अधिवक्ता अखिलेश दुबे के नजदीकी इंस्पेक्टर आशीष द्विवेदी को भी निलंबित किया गया था। अब सीओ शुक्ल पर कार्रवाई के बाद पुलिस महकमे में हड़कंप मच गया है। वहीं, सीओ ऋषिकांत शुक्ल ने सभी आरोपों को बेबुनियाद बताया है। उनका कहना है कि वे राजनीतिक साजिश के शिकार हैं और जांच में सब सच सामने आ जाएगा। उन्होंने दावा किया कि उनके पास जितनी भी संपत्ति है, वह वैध स्रोतों से अर्जित की गई है।