चंद्रयान का तमिलनाडु से गहरा नाता, ये हैं मून मैन ऑफ इंडिया

KNEWS DESK-  चंद्रयान-1 को 22 जुलाई 2008 को लॉन्च किया गया था। यह 14 नवंबर 2008 को चांद की सतह पर उतरा। चंद्रयान-1 का नेतृत्व करने वाले माधवन नायर तमिलनाडु के रहने वाले हैं तो वहीं अगर बात करें चंद्रयान-2 की तो चंद्रयान 2 , 22 जुलाई 2019 को श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर से लॉन्च किया गया था। एम. वनिता ने चंद्रयान -2 का नेतृत्व किया। आपको बता दें कि ये भी तमिलनाडु की रहने वाली हैं।अब विल्लुपुरम के मूल निवासी पी. वीरमुथुवेल तीसरे मिशन की निगरानी कर रहे हैं इसलिए चंद्रयान का तमिलनाडु से गहरा नाता माना जा रहा है।

Chandrayaan 3 Launch India Mission Moon has a unique relationship with Tamil Nadu isro scientists Chandrayaan 3 Launch: भारत के मिशन मून का तमिलनाडु से है अनोखा नाता, इनकी निगरानी में होगी लॉन्चिंग

चंद्रयान-3 को लॉन्च करने की घोषणा 29 मई 2023 को इसरो के चीफ एस सोमनाथ ने की थी। उन्होंने बताया था कि चंद्रयान-3 को जुलाई में लॉन्च किया जाएगा।

चंद्रयान-3 का मकसद

चंद्रयान-3 के तीन प्रमुख उद्देश्य होंगे। पहला चंद्रमा की सतह पर सुरक्षित और सॉफ्ट लैंडिंग प्रदर्शित करना है। दूसरा चंद्रमा पर रोवर संचालन का प्रदर्शन करना है। और तीसरा उद्देश्य चंद्रमा की सतह पर इन-सीटू वैज्ञानिक प्रयोग करना है।

अगर सब कुछ ठीक रहा तो चंद्रयान-3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास सॉफ्ट-लैंडिंग करने वाला दुनिया का पहला मिशन बन जाएगा।

वीरमुथुवेल (46) वर्तमान में सोमनाथ के नेतृत्व में चंद्रयान-3 मिशन के परियोजना निदेशक हैं। तमिलनाडु के विल्लुपुरम जिले के एक परिदत परिवार से नाता रखने वाले वाले, वीरमुथुवेल प्रतिष्ठित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (मद्रास) के पूर्व छात्र हैं और उन्होंने पीएचडी भी कर रखी है। चंद्र मिशन के परियोजना निदेशक के रूप में वीरमुथुवेल ने वनिता का स्थान लिया है, जो तत्कालीन इसरो प्रमुख के. सिवन के नेतृत्व में चलाए गए चंद्रयान -2 मिशन की परियोजना निदेशक थीं।

वनिता इसरो के इतिहास में इस पद काबिज हुई पहली महिला थीं। पहले चंद्रयान मिशन का नेतृत्व करने के बाद मयिलसामी अन्नादुरई को ‘मून मैन ऑफ इंडिया’ की पदवी दी गई। वह भी तमिलनाडु से नाता रखते थे। दिलचस्प तथ्य यह है कि पूर्व राष्ट्रपति दिवंगत डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम, जिन्होंने भारत के रॉकेट कार्यक्रम का नेतृत्व किया, वह भी तमिलनाडु के रामेश्वरम से थे। इसीलिए भारत के मिशन मून का तमिलनाडु से एक अनोखा रिश्ता है।

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