असद औऱ गुलाम के एनकाउंटर पर उठ रहे 6 बड़े सवाल.. बाइक पर खरोंच का एक निशान नहीं और आगे रास्ता था बंद

लखनऊ, पिछले महीने प्रयागराज में हुई उमेश पाल हत्या कांड में शामिल पांच आपराधियों में से दो को उत्तर प्रदेश पुलिस ने गुरूवार को एनकाउंटर में मार गिराया. ये एनकाउंटर उत्तर प्रेदश के झांसी जिले में हुआ. एनकाउंटर के बाद पुलिस ने प्रेस कॉन्फ्रेस कर बताया कि अतीक का बेटा और शूटर गुलाम दोनों मिलकर अतीक को छोड़ने की योजना बना रहे थे. जिसकी खबर पुलिस को लगने के बाद वो असद और गुलाम को पकड़ने निकले. लेकिन असद और गुलाम ने पुलिस पर हमला कर भगाने लगे. जिसके बाद जवाबी कर्रवाई में असद औऱ गुलाम पुलिस मुठभेड़ में मारे गए. लेकिन जब मीडिया एनकाउंटर वाली जगह में पहुंची. तो उसके वहां कुछ हैरान कर देने वाली चीजें दिखी. जिससे इस एनकाउंटर पर 6 बड़े सवाल खड़े होते है.

 

  1. पथरीले रास्ते में कैसे चला रहे तेज बाइक

यूपी एसटीएफ ने बताया कि ये दोनों पारीछा डैम के आस-पास छिपे हुए थे. वो जगह नेशनल हाईवे से दो किलोमीटर दूर थी. उस जगह तक पहुंचने के लिए पगडंडी बनी हुई है, जो कि पथरीली, कच्ची और ऊबड़-खाबड़ है. यहां कोई भी गाड़ी 10 से 20 किमी प्रति घंटा से ज्यादा गति में नहीं चल सकती है. इसलिए ये सवाल उठ रहा है कि वो कैसे उस रास्ते में तेज गाड़ी चलाते हुए भाग रहे थे.

 

  1. दोनों के हेलमेट नहीं मिले

पुलिस ने बताया कि जब पुलिस उनको पकड़ने की गई तो वो दोनों मोटर साइकिल से भाग रहे थे. लेकिन जिस जगह पुलिस ने उनका एनकाउंटर किया. वहां उसके आस पास उनको किसी भी तरह का हेलमेट नहीं मिला है. बल्कि पुलिस की कहानी के हिसाब से असद और गुलाम लगातार फरार चल रहे थे. अगर बाइक से चल कर अलग-अलग शहर जा रहे थे. तो बिना हेलमेट वो कैसे चल सकते है, क्योंकि उनके तो जनता से मुंह छुपा कर घुमना जरूरी था.

 

  1. बाइक में ना नंबर प्लेट थी, ना ही चसेस नंबर

ऐसी उम्मीद जताई जा रही है कि बाइक चोरी की हो सकती है. इस बाइक के ऑनर का पता कैसे चलेगा. हालांकि बाइक का इंजन नंबर भी होता है, लेकिन ज्यादातर संभावनाएं इसी की हैं कि वो चोरी की होगी. हालांकि पुलिस ने बाद में सबूत के तौर पर बाइक को अपने कब्जे में ले लिया और लोडर में रखकर बड़ागांव पुलिस थाने में पहुंचा दिया गया.

 

  1. बाइक को नहीं आई कोई खरोंच

असद और गुलाम के पास बाइक थी, जो वहां पलटी हुई दिखाई दी. वहां असद का शव, असलहा, बाइक, कारतूस पड़े हुए थे. वहां लगभग 10-12 पुलिसकर्मी भी पहुंचे हुए थे. बाइक से करीब 50 मीटर दूर पुलिस की गाड़ी थी. गाड़ी के कोई पार्ट्स टूटे नहीं थे और न ही कोई खरोंच आई थी. इसको लेकर भी सवाल उठ रहा है कि अगर बाइक पलटी है तो उसमें एक भी खरोच क्यों नहीं आई.

 

  1. नहीं मिली बाइक चाभी

बाइक पुरानी थी तो चाभी ढीली होने के बाद गिर गई हो, लेकिन वहां आस-पास भी चाभी नहीं दिखाई दी. अगर कोई एनकाउंटर के बाद बाइक से गिरता है तो उस समय बाइक से कोई चाभी नहीं निकालेगा.

  1. एनकाउंटर की जगह को लेकर भी उठ रहे सवाल

असद और गुलाम का जहां एनकाउंटर किया गया, वो जगह नेशनल हाईवे दो किमी अंदर है. हाइवे से उतरते ही पगडंडी है, उसके बारे में बाहर के लोगों को कोई जानकारी नहीं होगी. यूपी पुलिस के मुताबिक ही असद और गुलाम राजस्थान और दूसरी जगहों पर छिपे हुए थे और भागकर झांसी आए थे. उन्हें रास्ते के बारे में जानकारी शायद ही होगी. इसके अलावा जब वो राजस्थान की ओर से आ रहे थे तो रास्ता रॉन्ग साइड पड़ता है, तो बाइक वाले को दिखाई ही नहीं देगा.

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