knews desk, छत्तीसगढ़ के दंतेवाड़ा में हुए नक्सली हमले में डीआरजी के 10 जवान और एक ड्राइवर शहीद हो गए थे| बता दें की इन 10 जवानों में से 5 जवान ऐसे थे जिन्होंने नक्सलीय रास्ते को छोड मुख्यधारा में आने के लिए डीआरजी ज्वाइन कर ली थी| मगर शायद ये बात उनके पुराने साथियों को रास नहीं आयी और उन्होंने इतनी बड़ी घटना को अंजाम दे डाला| आपको बता दें कि इन 5 जवानों में से एक जवान की ज्वोइनिंग तो पिछले महीने ही हुई थी|
इन पांच पुलिसकर्मियों के नाम हैं, हेड कांस्टेबल जोगा सोदी (35), मुन्ना कडती (40), कांस्टेबल हरिराम मंडावी (36), जोगा कवासी (22) और राजूराम करतम (25)
बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी ने एजेंसी को बताया कि “ये पांचों किसी जमाने में नक्सलियों के लिए काम किया करते थे| लेकिन आत्मसमर्पण के बाद सभी पुलिस के लिए काम करने लगे| दंतेवाड़ा के ही पड़ोसी जिले सुकमा के अर्लमपल्ली गांव के जोगा सोदी और दंतेवाड़ा के मुदेर गांव के मुन्ना कडती ने 2017 में DRG ज्वाइन की थी| इसी तरह दंतेवाड़ा के रहने वाले मंडावी और करतम को 2020 और 2022 में पुलिस बल में शामिल किया गया था|”
आईजी ने बताया कि “दंतेवाड़ा के बड़े गादम गांव का रहने वाला जवान जोगा कवासी पिछले महीने ही डीआरजी में शामिल हुआ था|” डीआरजी के इन जवानों को सन ऑफ सॉइल या धरती पुत्र भी कहा जाता है| इस फोर्स में स्थानीय युवाओं को भर्ती किया जाता है| नक्सलियों की तरह ही इन्होंने भी जंगल का कोना-कोना छाना हुआ होता है| इनके लोकल सोर्स मजबूत होने के कारण इन्हें नक्सल मूवमेंट की सटीक जानकारी आसानी से मिल जाती है|