KNEWS DESK… टेरर फंडिंग मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे कश्मीरी आतंकी यासीन मलिक को सुप्रीम कोर्ट में पेशी किए जाने के मामले में बड़ी कार्रवाई की है. मिली जानकारी के अनुसार दिल्ली की तिहाड़ जेल प्रशासन ने 4 अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया है.
दरअसल आपको बता दें कि सस्पेंड किए गए अधिकारियों में एक डिप्टी सुपरिटेंडेंट, 2 अस्सिटेंट सुपरिटेंडेंट और 1 अन्य तिहाड़ जेल कर्मचारी है. सुप्रीम कोर्ट ने 21 जुलाई को तिहाड़ जेल प्रशासन को फटकार लगाई थी और कहा था कि मलिक को फिजीकली कोर्ट में प्रोड्यूस नहीं करना था. प्रशासनिक कमी की वजह से उसको सस्पेंड किया गया है. इसे लेकर सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस सूर्यकांत और दीपांकर दत्ता ने नाराजगी जताई थी. बता दें कि जस्टिस दीपांकर दत्ता ने यासीन मलिक मामले की सुनवाई से तुरंत खुद को अलग कर लिया था. जस्टिस सूर्यकांत ने कहा- अब मामले की सुनवाई 4 हफ्ते बाद होगी और इसकी सुनवाई दूसरा बैच करेगा, जस्टिस दत्ता उस बैच के सदस्य नहीं होंगे. जज ने सख्त टिप्पणी करते हुए कहा- अगर यासीन को कुछ कहना है तो वह वर्चुअल तरीखे से कोर्ट में शामिल हो सकते हैं.
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आतंकी हमलों के लिए फंडिंग करता था यासीन
गौरबतल हो कि यासीन मलिक को 2022 में NIA कोर्ट ने टेरर फंडिंग केस, UAPA और देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने के आरोप में उम्र कैद की सजा सुनाई थी. यासीन को कई धाराओं में सजा मिली थी. दो मामलों में उम्र कैद और अन्य मामलों में 10 साल सजा सुनाई गई है. सभी सजाएं साथ-साथ चलेंगी. यासीन पर पाकिस्तान के समर्थन से कश्मीर में आतंकी हमलों के लिए फंडिंग और आतंकियों को हथियार मुहैया कराने से जुड़े कई केस दर्ज थे.