कल नई संसद के बार महिला पहलवानों ने बुलाई महिला महापंचायत

नई दिल्ली,  देश की महिला खिलाड़ियों द्वारा 28 मई को नयी संसद के सामने बुलाई गई महापंचायत की तैयारियां अपने अंतिम दौर में हैं। आज खिलाड़ियों ने पत्रकार वार्ता में बताया कि 28 मई को नये संसद भवन के सामने महिला सम्मान महापंचायत होगी, जिसमें हरियाणा और पंजाब से आने वाले किसान मजदूर जत्थेबंदियां सुबह 11:00 बजे तक सिंघु बॉर्डर पर पहुंचेंगी। वहीं, हरियाणा की खाप पंचायतें और टोल प्लाज़ा पर जारी धरनों की संघर्ष कमेटियां टीकरी बॉर्डर पर सुबह 11:00 बजे तक पहुंचेंगी। उत्तर प्रदेश से आने वाली किसान जत्थेबंदियां और खाप पंचायतें सुबह 11:00 बजे तक गाजीपुर बॉर्डर पर पहुंचेंगी। इनके अलावा देश भर से आने वाले जो साथी ट्रेन या बस से आएँगे वे सभी सुबह 11:00 बजे जंतर मंतर स्थित धरनास्थल पर पहुँचेंगे। दिल्ली के सभी जन संगठन, महिला संगठन और छात्र संगठन भी जंतरमंतर पर ही पहुँचेंगे। इसके बाद आधे घंटे तक सभी मोर्चों पर जलपान होगा और 11:30 बजे सभी मोर्चों से शांतिपूर्वक संसद के सामने प्रस्तावित महिला सम्मान महापंचायत के लिए मार्च शुरू होगा जो संसद भवन के सामने पहुँच कर सभा में तब्दील हो जाएगा। खिलाड़ियों ने कहा कि हम हर हाल में शांतिपूर्ण रहेंगे और पूरे अनुशासन के साथ चलेंगे। पुलिस अगर लाठी चार्ज करेगी, आंसू गैस के गोले दागेगी या वाटर कैनन का उपयोग करेगी तो भी हम हिंसा का कोई रास्ता नहीं अपनाएंगे और सब कुछ सहेंगे। पुलिस अगर गिरफ्तार करेगी तो हम सब शांति के साथ गिरफ्तारी भी देंगे। कल दोपहर तक हर बॉर्डर की कमिटी में यह घोषणा कर दी जाएगी कि आंदोलन में भाग ले रहे जत्थेबंदियों और कमेटियों के एक-एक आदमी होंगे।

 

महिला खिलाड़ियों ने देशभर की महिलाओं का आह्वान किया कि वे महिला सम्मान महापंचायत में जरूर पहुंचे। इसके अलावा देश में जितनी भी महिला सांसद, विधायक हैं, चाहे वो किसी भी पार्टी या किसी भी प्रदेश की हों वे भी इस महिला सम्मान महापंचायत में जरूर आएं। इस महापंचायत में पांच महिला खिलाड़ी, महिला संगठन की नेता और सशक्त ग्रामीण महिला अपनी बात सरकार के सामने रखेंगी और देश की महिलाएं उस दिन एक बड़ा फैसला लेकर इंसाफ माँगेंगी।

खिलाड़ियों ने आरोपी बीजेपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह की अब तक गिरफ़्तारी न होने पर रोष जताया और कहा कि केंद्र की बीजेपी सरकार बहुमत के घमंड में चूर है। उसे सड़कों पर इंसाफ मांग रही देश की बेटियाँ दिखाई नहीं दे रही। महिला पहलवानों ने कहा कि जब वह मेडल लेकर आए थे तो लगा था कि यहां बेटियों की बहुत इज्जत होती है, लेकिन अब यह हाल है कि वह सड़कों पर बैठी हैं और कोई सुध नहीं ले रहा है। महिला खिलाड़ी अपने साथ हो रहे शोषण के कारण पिछले 12 साल से तिल-तिल मर रही थी। बृजभूषण जैसा दरिंदा उनको नोंच-नोंच कर खा रहा था और वे कुछ बोल भी नहीं पा रही थीं। लेकिन अब वो चुप नहीं रहेंगी। उन्होंने आगे कहा कि सत्ताधारी दल का बाहुबली सांसद होने के कारण ही आरोपी सांसद बृजभूषण शरण सिंह को खुली छूट मिली हुई है। आरोपी खुलेआम मीडिया में भड़काऊ इंटरव्यू दे रहा है और देश की बेटियों पर लांछन लगा रहा है। सरकार की शह और संरक्षण के चलते ही आरोपी महिलाओं के खिलाफ अनाप शनाप बयान दे रहा है। उन्होंने कहा कि यह किसी एक बेटी की नहीं बल्कि भारत की हर बेटी की लड़ाई बन चुकी है। यह तिरंगे की आन-बान-शान की लड़ाई है। उन्होंने देश की हर महिला से अपील करी कि वे 9053903100 नंबर पर मिस्ड कॉल देकर इस लड़ाई में अपनी आवाज उठायें।

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