पीएम मोदी के इन अहम फैसलों से बदली तस्वीर,भारत बना 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था

KNEWS DESK- कांग्रेस की सरकार बहुत समय तक भारत में रही थी। कांग्रेस की सरकार आजादी के बाद 60 सालों तक सत्ता में बने रहने के बाद विकास के लिए जनता अब बदलाव चाहती थी। 2014 में इस बदलाव का समय तब आया जब मोदी नाम की लहर ने कांग्रेस को सत्ता से बेदखल कर दिया था और मोदी को भारत के 17वें प्रधानमंत्री चुने गए थे।

आपको बता दें कि देश की जनता पर मोदी नाम की लहर इस कदर छाई की वह 2019 में भाजपा को पूर्ण बहुमत से विजय बनाया था। भारत PM  के कार्यकाल के दौरान दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन चुका है। भारत में 2014 से पहले की GDP लगभग 112 लाख करोड़ रुपए थी। जो कि वर्तमान में 272 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक हो चुकी है। PM  2025 तक भारत की GDP 5 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचाने के लक्ष्य में जुटे हैं।  भाजपा की सरकार में विदेशी मुद्रा भंडार ढ़ाई गुना बढ़कर 50 लाख करोड़ रुपए से भी अधिक हो चुका है। बीते 9 सालों में भारत का एक्सपोर्ट करीब दोगुना बढ़ा है। वर्ष 2022-23 में 36 लाख करोड़ रुपए का सामान भारत से आयात हुआ है। वहीं वर्ष 2013-14 में केवल 19.5 लाख करोड़ रुपए का ही एक्सपोर्ट हो पाया था। इसके बाद अब बारी 2024 की है। जो भाजपा का दूसरा कार्यकाल भी पूरा होने वाला है। PM ने अपने कार्यकाल में कई चौंकाने वाले फैसले लिए है। जिससे उनकी लोकप्रियता बढ़ती गई और वह देश में सबसे दमदार नेता के रुप में देखे जानें लगे।

जानकारी के लिए बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने कार्यकाल में ऐसे कौन-कौन से अहम फैसले लिए है। भाजपा सरकार बनते  ही 2 साल के अंदर ही PM ने सबसे बड़ा फैसला लिया। 8 नवंबर 2016 को PM  ने नोटबंदी की घोषणा की और 500 तथा 1000 के नोट को बन्द कर दिया था। इसी के साथ काले धन को समाप्त करने की दिशा में मोदी का सबसे बड़ा फैसला था। तो वही राम मंदिर व अनुच्छेद 370 हमेशा से ही भाजपा का अहम मुद्दा रहा था। सत्ता में आने के बाद पहले कार्यकाल में भाजपा अपने इन वादों को पूरा नहीं कर पाई लेकिन दूसरी बार का चुनाव जीतने के बाद ही कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा समाप्त कर दिया गया व अनुच्छेद 370 निरस्त हो गया था। साथ ही राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांट दिया गया । लेकिन अनुच्छेद 370 को फिर से बहाल करने की मांग उठने लगी है।

बता दें कि देश में  2017 से पहले  किसी भी वस्तु की उत्पाद या बिक्री पर कई अलग-अलग तरह के टैक्स चुकाने पड़ते थे। इससे छोटे व्यापारियों और मध्यम वर्गीय लोगों को काफी नुकसान का सामना करना पड़ता था। GST लागू होने के बाद ये सभी प्रकार के टैक्स समाप्त हो गए थे।  सभी प्रकार के टैक्स को एकीकृत करने के लिए GST को कानून के रुप में लाया गया है।

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