KNEWS DESK, श्रीलंका की नौसेना ने शनिवार को 23 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया, जिन पर आरोप है कि वे समुद्री सीमा पार कर श्रीलंकाई जलसीमा में मछली पकड़ रहे थे। मछुआरों का दल रामेश्वरम स्थित मछली पकड़ने के बंदरगाह से रवाना हुआ था और नेदुनथीवु के पास मछली पकड़ रहा था, तभी उन्हें श्रीलंकाई नौसेना की गश्ती नौका ने घेर लिया और तीन मछली पकड़ने वाली नौकाओं को जब्त कर लिया।
गिरफ्तार किए गए मछुआरों को कांगेसंथुराई स्थित श्रीलंकाई नौसेना शिविर में ले जाया गया और बाद में उन्हें जाफना के मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों के हवाले कर दिया जाएगा। इस घटना के बाद तटीय क्षेत्रों में संकट और अनिश्चितता का माहौल बन गया है, क्योंकि मछुआरों की गिरफ्तारी और उनकी नौकाओं का जब्त होना तटीय समुदायों की आजीविका पर गहरा प्रभाव डालता है।
बता दें कि यह पहली बार नहीं है जब श्रीलंकाई नौसेना ने भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया है। इससे पहले सितंबर 2024 में भी 17 भारतीय मछुआरों को गिरफ्तार किया गया था। उस समय तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने केंद्रीय विदेश मंत्री एस जयशंकर को पत्र लिखकर इस गंभीर मुद्दे पर ठोस कूटनीतिक कदम उठाने की अपील की थी। स्टालिन ने इस पत्र में कहा था कि मछुआरों की गिरफ्तारी और उनकी नावों का जब्त होना तटीय समुदायों में गंभीर संकट पैदा कर रहा है और इसके समाधान के लिए सक्रिय कूटनीतिक उपायों की आवश्यकता है। वहीं सीएम स्टालिन ने इस मुद्दे को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी ज्ञापन भेजा था, जिसमें उन्होंने कहा था कि 23 सितंबर तक 145 मछुआरे और 191 नावें श्रीलंकाई हिरासत में थीं, जो पिछले सात वर्षों में सबसे बड़ी संख्या है। उन्होंने केंद्र सरकार से भारतीय मछुआरों की गिरफ्तारी को रोकने के लिए ठोस कूटनीतिक कदम उठाने का आग्रह किया था।