भारत लम्बी दूरी के हथियार बनाने में लगा, चीन और पाकिस्तान के उड़ जाएंगे होश

KNEWS DESK-  भारत की सेना को हमेशा दो मोर्चों पर तैयार रहना पड़ता है। जहां एक तरफ पाकिस्तान ने भारत को खुलेआम दुश्मन मान रखा है, वहीं दूसरी तरफ चीन भी लगातार साजिशें रचता है । इसी वजह से भारत ने अपनी रणनीति में बदलाव किया है। भारत अब लम्बी दूरी के हथियार विकसित करने के साथ ही अपनी परमाणु  क्षमता भी बढ़ा रहा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत और पाकिस्तान अपने परमाणु हथियार का विस्तार कर रहा है। इसके साथ ही परमाणु हथियार ले जाने वाली प्रणाली विकसित कर रहे है।

 चीन कर सकता है अमेरिका या रूस की बराबरी

पिछले एक साल में चीन के परमाणु जखीरे में वृद्धि हुई। चीन जिस हिसाब से अंतरमहाद्वीपीय बैलिस्टिक मिसाइल (ICBM) बना रहा है, दशक के आखिर तक अमेरिका या  रूस की बराबरी में पहुंच सकता है। सिपरी के मुताबिक,  2022 में चीन के परमाणु जखीरे में 350 हथियार थे। जो 2023 में बढ़कर 410 हो गए हैं इसके और भी बढ़ने का अनुमान है।

चीन और पाकिस्तान के लक्ष्य भेदने में सक्षम है भारतीय मिसाइल

रिपोर्ट कहती है कि ऐसा लगता है कि भारत और पाकिस्तान अपने परमाणु हथियारों के जखीरे का विस्तार कर रहे हैं और दोनों देशों ने 2022 में परमाणु हथियार ले जाने में सक्षम नई प्रणालियों को विकसित किया है। इसी रिपोर्ट में कहा गया है कि पाकिस्तान का मुख्य फोकस भारत के परमाणु हथियारों को लेकर है, वहीं भारत लंबी दूरी के हथियार विकसित करने में लगा है, जो चीन के अंदर तक जाकर लक्ष्य को निशाना बनाने में सक्षम है|

अमेरिका और रूस के पास 90 फीसदी हथियार

रिपोर्ट के मुताबिक, सभी परमाणु हथियारों का लगभग 90 प्रतिशत हिस्सा रूस और अमेरिका के पास है| रिपोर्ट में कहा गया है कि उनके संबंधित परमाणु शस्त्रागार का आकार 2022 में अपेक्षाकृत स्थिर रहा, हालांकि फरवरी 2022 में यूक्रेन पर रूस के आक्रमण के मद्देनजर दोनों देशों में परमाणु बलों के संबंध में पारदर्शिता में गिरावट आई है|  नौ परमाणु हथियार सम्पन्न देश- अमेरिका, रूस, ब्रिटेन, फ्रांस, चीन, भारत, पाकिस्तान, डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया (उत्तर कोरिया) और इज़राइल- अपने परमाणु शस्त्रागार का आधुनिकीकरण करना जारी रखे हुए हैं|

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