कश्‍मीर की समस्‍या के समाधान के लिए भारत और पाकिस्तान को मिलकर सुलझाना चाहिए- फारूक अब्दुल्ला

KNEWS DESK- नेशनल कॉन्फ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला ने एक बार फिर विवादित बयान दिया है। अब्दुल्ला ने कश्मीर पर बयान देकर स्थिति को तनावपूर्ण बना दिया है। अब्दुल्ला ने कहा कि कश्मीर का मुद्दा दोनों देशों । 5 अगस्त 2019 को कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 के खत्म होने के बाद हालात काफी बदल गए हैं। इसी साल भारत 24 के प्रोग्राम कश्मीर क्रांति में बताया गया है कि कैसे कश्मीर के हालात बदल गए हैं। कैसे वहां के लोग अब बेखौफ होकर अपनी पढ़ाई और रोजगार के लिए घर से निकलने लगे हैं। जनजीवन लगभग पटरी पर लौट आया है।

आपको बता दें कि नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि जब तक दोनों देश कश्मीर के मामले में ईमानदारी से बात नहीं करेंगे तब तक यह तमाशा बना रहेगा। अगर ईमानदारी नहीं है तो ये तमाशा चलता रहेगा और ये मामला वैसे का वैसा ही बना रहेगा। आज भी आप देख रहे हैं कि कश्मीर में आतंकवाद शुरू हो गया है। गोलियाँ चल रही हैं। लोग मर रहे हैं। सैनिक मर रहे हैं। फारूक अब्दुल्ला ने आगे कहा कि अगर वाकई शांति आ गई है तो ये आतंकवाद क्यों हो रहा है। ये आतंकवाद इसलिए हो रहा है क्योंकि उन्हें लगता है कि इसका फैसला अभी बाकी है। कश्मीर का ये मसला दोनों देशों की बातचीत से ही सुलझेगा, यूक्रेन में लड़ाई से क्या हुआ ये तो आप देख ही चुके हैं। अमेरिका को कुछ नहीं हुआ, यूरोप आर्थिक रूप से बर्बाद हो रहा है। और यूक्रेनियन मर रहे हैं। लड़ाई से आपको क्या मिलेगा? क्या सीमा बदल जाएगी? इसलिए दोनों देशों को कोई रास्ता निकालना होगा दिल को साफ करना होगा।

करीब 30 हजार युवाओं को दी गयी नौकरी

जानकारी के लिए बता दें कि जम्मू-कश्मीर के एलजी मनोज सिन्हा ने 5 अगस्त को अनुच्छेद 370 हटने के चार साल पूरे होने के मौके पर आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा था कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 हटने के बाद से वहां आतंकी गतिविधियों में कमी आई है। प्रदेश में निवेश और व्यापार में बढ़ोतरी हुई है। करीब 30 हजार युवाओं को नौकरी दी गयी है। जम्मू-कश्मीर में 2 एम्स अस्पताल खोलने की मंजूरी मिल गई है। राज्य में पर्यटकों की अच्छी खासी भीड़ देखने को मिलती है। इस साल अमरनाथ श्रद्धालुओं की संख्या में रिकॉर्ड तोड़ बढ़ोतरी हुई है। मनोज सिन्हा ने आगे बताया कि अनुच्छेद 370 हटने के 4 साल पूरे होने पर कहा कि राज्य को आतंक से मुक्ति मिल गई है। अब कश्मीरियों पर किसी का हुक्म नहीं हर कोई अपनी मर्जी से जिंदगी जीने को आजाद है।

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