KNEWS DESK- चंद्रयान-3 ने लॉन्चिंग के बाद अंतरिक्ष में तीसरी बाधा पार कर ली है। चंद्रयान-3 ने तीसरा ऑर्बिट सफलतापूर्वक पूरा कर लिया है। अब वह 174 किमी x 1437 किलोमीटर वाली छोटी अंडाकार की कक्षा में घूम रहा है। इसके बाद 14 एंव 16 को ऑर्बिट बदला दिया जाएगा। फिर 17 अगस्त को प्रोपल्शन और लैंडर मॉड्यूल अलग होंगे इसके बाद 18 और 20 की लैंडर की डीऑर्बिटिंग होगी। फिर 23 अगस्त को लैंडिंग करेगा।
आपको बता दें कि ISRO के बेंगलुरु में मौजूद सेंटर टेलिमेट्री, ट्रैकिंग एंड कमांड नेटवर्क के मिशन ऑपरेशंस कॉम्प्लेक्स से चंद्रयान-3 की सेहत पर नजर रखी जा रही है। चंद्रयान-3 के सभी यंत्र सही तरीके से काम कर रहे हैं। चंद्रयान-3 अभी पृथ्वी की कक्षा में चक्कर काट रहा है। चंद्रयान-3 सफलतापूर्वक तीसरे ऑर्बिट में प्रवेश हो गया है। अब चंद्रयान 174 किमी x 1437 km किलोमीटर वाली छोटी अंडाकार कक्षा में घूम रहा है। चंद्रयान-3 अपने तय टारगेट से संभवत आगे चल रहा है। लेकिन इसरो की तरफ से इसकी कोई सूचना नहीं आई है। ISRO ने 9 अगस्त की दोपहर एक बजकर 40 मिनट पर ऑर्बिट में बदलाव किया. यानी चंद्रयान-3 के थ्रस्टर्स को ऑन किया गया था। 5 अगस्त 2023 को जब चंद्रमा की पहली कक्षा में चंद्रयान-3 पहुंचा था। तब ISRO ने चांद की पहली तस्वीरें जारी की थीं।
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पौने 6 बजे के करीब लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा
जानकारी के लिए बता दें कि चंद्रयान-3 इस वक्त चंद्रमा के चारों तरफ 1900 किलोमीटर प्रति सेकेंड की गति से 164 x 18074 KM के अंडाकार ऑर्बिट में यात्रा कर रहा था। जिसे 6 अगस्त 2023 को घटाकर 170 x 4313 km की ऑर्बिट में डाला गया था। चंद्रमा की दूसरी कक्षा में डाला गया था। चंद्रयान-3 14 अगस्त 2023 को सुबह 12:04 बजे तक चौथी कक्षा बदली जाएगी। 23 अगस्त 2023 लैंडर चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंड करेगा। सबकुछ सही रहेगा तो पौने 6 बजे के करीब लैंडर चांद की सतह पर उतरेगा ।
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