KNEWS DESK- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO आखिरकार चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के लिए तैयार हो गया है। चंद्रयान3 का काउंटडाउन शुरू हो चुका है। आज दोपहर 2:35 बजे चंद्रमा की ओर उड़ान भरेगा।
आपको बता दें कि भारत के तीसरे मून मिशन चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग का काउंटडाउन शुरू हो गया है। चंद्रयान 3 आज दोपहर 2:35 बजे चंद्रमा की सतह पर पहुंचने की कोशिश शुरू करेगा। 1 दिन पहले मिशन की सफलता के लिए ISRO वैज्ञानिक तिरूपति वेंकटचलपति मंदिर मे पूजा पाठ किया था। चंद्रयान 3 को करीब 615 करोड़ की लागत से तैयार हुआ है। उड़ान भरने के बाद करीब 50 दिन की यात्रा करने के बाद चंद्रयान 3 चंद्रमा के दक्षिणी ध्रुव के पास लैंडिंग करेगा। चंद्रयान 3 को भेजने के लिए LVM-3 लॉन्चर का प्रयोग किया जा रहा है। चंद्रयान अगले 14 दिनों तक रोवर लैंडर के चारों ओर 360 डिग्री में घूमेगा और कई परीक्षण करेगा। इसकी लॉन्चिंग श्रीहरिकोटा स्थित सतीश धवन स्पेस सेंटर के लॉन्च पैड 2 से होगी।
LVM-3 लॉन्चर रॉकेट का प्रयोग
चंद्रयान 3 की लॉन्चिंग के लिए ISRO LVM-3 लॉन्चर का इस्तेमाल कर रहा है। ये रॉकेट चंद्रयान को चंद्रमा में लेकर जाएगा। ये रॉकेट 43.5 मीटर करीब 143 फीट ऊंचा है । इसका वजन 642 टन है। चंद्रयान को जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में छोड़ेगा। LVM-3 रॉकेट की ये चौथी उड़ान है।
चंद्रयान 3 का मकसद
ISRO के वैज्ञानिक का चंद्रयान-3 बनाने का मकसद ये है कि वो दुनिया को बताना चाहते है कि भारत दूसरे ग्रह पर लैंडिंग करा सकता है। इस दौरान जमीन के भीतर होने वाली हलचल से लेकर चांद की सतह वायुमंडल का पता लगना हैं।
चंद्रयान 3 चंद्रयान 2 से अलग
चंद्रयान 2 मिशन के दौरान अंतिम क्षणों में लैंडर विक्रम साफ्ट लैंडिंग करने में सफल नहीं हुआ था। चंद्रयान 2 में लैंडर रोवर और ऑर्बिटर था। चंद्रयान 3 में ऑर्बिटर के बजाय स्वदेशी प्रोपल्शन मॉड्यूल शामिल किया गया है। ये चंद्रयान को चंद्रमा की सतह पर छोड़ेगा और चांद के ऊपर 100 किलोमीटर चक्कर लगाता रहेगा। जरूरत पड़ने पर चंद्रयान 2 के ऑर्बिटर की मदद ली जाएगी।