रूस द्वारा यूक्रेन पर हमले के बाद से रूस पर कई तरह के प्रतिबंद लगाए जा रहे है, इसके साथ ही रूस से हथियार ले रहे देशो पर भी अमेरिका प्रतिबंद लगाने की सोच रहा है। अमेरिका काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस एक्ट (CAATSA) के तहत अमेरिका रूस से एक-400 मिसाइल डिफेंस सिस्टम खरीदने को लेकर भारत के खिलाफ प्रतिबंध लगाए जाने की बात सामने आई है।
बुधवार को अमेरिकी राजनियक डोनाल्ड लू ने एक प्रेस वार्ता में कहा है, जब अमेरिका की दोनों पार्टियों रिपब्लिकन और डेमोक्रेटिक ने ‘भारत के साथ अमेरिकी संबंध’ पर सुनवाई के दौरान भारत की आलोचना की है । भारत रूस के खिलाफ संयुक्त राष्ट्र में हुए मतदान के दौरान उन 35 देशों में शामिल रहा, जिन्होंने वोट करने से दूरी बनाई है।
क्या भारत को काटसा के तहत रूस से एस-400 की खरीद को मिलेगी मंजूरी-
अब सावाल यह उठता है कि, क्या भारत को काटसा (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act) के तहत रूस से एस-400 की खरीद के लिए मंजूरी दी जाए या नहीं। लू ने कहा कि, बाइडेन प्रशासन अब भी इस मामले में विचार कर रहा है. उन्होंने कहा, ‘मैं जो कह सकता हूं वह यह है कि भारत वास्तव में हमारा एक महत्वपूर्ण सुरक्षा पार्टनर है और हम उस साझेदारी को आगे बढ़ाने को महत्व देते हैं.’
रूसी हथियारों का बड़ा आयातक है भारत
भारत साल 2016 से रूसी हथियारों का सबसे बड़ा आयातक रहा है. लू ने पैनल को बताया कि भारत ने हाल ही में रूसी मिग-29 लड़ाकू विमानों, हेलिकॉप्टरों और टैंक-रोधी हथियारों के ऑर्डर रद्द किए हैं और उन्होंने अनुमान लगाया कि नए प्रतिबंध अन्य देशों को भी ऐसा करने के लिए प्रेरित करेंगे. उन्होंने कहा, ‘मेरा मानना है कि आने वाले महीनों या वर्षों में किसी के लिए भी रूस से मुख्य हथियार सिस्टम खरीदना बेहद मुश्किल हो जाएगा. सरकार ने कांग्रेस के समर्थन से व्यापक वित्तीय प्रतिबंध लगाए हैं. मुझे लगता है कि भारत उन देशों में से एक है, जो इस बारे में चिंतित हैं.’