बजट, केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आज संसद में बजट पेश किया। केंद्र सरकार के कार्यकाल के आखिरी बजट पर कई राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया भी सामने आने लगी है। जहां सत्ता पक्ष इस बजट को जनता के हित में बता रही है वहीं, विपक्ष की ओर से इस बजट को फेल कहा जा रहा है। इस बार के बजट में कई ऐसी घोषणाएं की गयी है जो आम लोगों को राहत पहुंचाने वाली है। नई कर व्यवस्था में बदलाव, इलेक्ट्रिक वाहन, टीवी, कैमरा और लेंस भी सस्ते कर दिए गए है।लेकिन विपक्ष इस बजट से खुश नहीं दिख रहा, विपक्ष का कहना है ये बजट चुनावी बजट है इस से जनता को कोई लाभ नहीं मिले गा, विपक्ष का कहना की मंगाई, बेरजोगरी के साथ साथ कृषि क्षेत्र में भी बजट का हल फीका ही रहा है। सरकार मन मानी कर रही है और जनता को भटकने का काम कर रही है। व्यापार क्षेत्र में भी कोई राहत नजर नहीं आई और न ही शिक्षा के क्षेत्र में कोई सुधार की बात कही गई।
राजनीतिक प्रतिक्रियाएं –
केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने कहा कि बजट से आत्मनिर्भर भारत के सपना पूरा होगा। सभी वर्गों को इस बार के बजट में ध्यान में रखा गया है। और विशेष तौर पर माध्यम वर्ग को ध्यान में रखते हुए इस बार टैक्स बनाया गया है।
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा कि बजट का एक बड़ा हिस्सा राष्ट्रपति के अभिभाषण और आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट की पुनरावृत्ति है…. टैक्स में किसी भी तरह की कटौती का स्वागत है। लोगों के हाथ में पैसा देना अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने का सबसे अच्छा तरीका है।
जम्मू-कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि बजट में मध्यम वर्ग को मदद दी गई है, सबको कुछ न कुछ दिया गया है। डेढ़ घंटे तक हमने बजट सुना अब हम इसपर बात करेंगे जब मौका आएगा।
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा कि बजट में कुछ चीजें अच्छी थी मैं इसे पूरी तरह नकारात्मक नहीं कहूंगा, लेकिन अभी भी कई सवाल उठते हैं। बजट में मनरेगा का कोई जिक्र नहीं था। सरकार मजदूरों के लिए क्या करने जा रही है? बेरोजगारी, महंगाई की बात भी नहीं की गई।
भाजपा सांसद गौतम गंभीर ने भी कहा कि आम आदमी के लिए ये बजट बहुत अच्छा है, ये एक ऐतिहासिक कदम है। मध्यम वर्ग को इस बजट से बहुत राहत मिलेगी।
केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल ने भी बजट पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा है कि मुझे लगता है अमृतकाल में ये हमारा रोडमैप है, हम दुनिया में अपनी अर्थव्यवस्था को 10वें से 5वें स्थान पर ले आए इससे बेहतर और कुछ नहीं हो सकता है।
RJD सांसद मनोज झा ने कहा कि मैंने वित्त मंत्री को कई बार कहा है कि जब भी बजट बनाए तो अनुच्छेद 39 को देख लें। संविधान से आंखें मूंद कर स्तुति गान वाला बजट बनाते हैं तो कुछ हासिल नहीं होगा। रोजगार के लिए आपने गोल-गोल बातें की ये बजट खास लोगों का खास लोगों द्वारा खास तरह से बनाया बजट है।
हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने बजट पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अमृतकाल का पहला बजट बहुत क्रांतिकारी है, ये समाज के हर वर्ग को राहत देने वाला है। विशेषकर मध्यम वर्ग को आयकर में राहत दी गई है, जो टैक्स स्लैब बनाया गया है वो राहत देने वाला है। युवा, महिला, वरिष्ठ नागरिक सभी को इस बजट में राहत दी गई है।
केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी ने भी बजट पर अपनी प्रतिक्रिया दी और कहा कि इस बजट से महिला का सम्मान बढ़ा, बच्चों और किशोरों के लिए डिजिटल लाइब्रेरी की घोषणा से ज़िला स्तर पर बच्चे कैसे पढ़ेंगे और बढ़ेंगे इसका उल्लेख किया गया है। नारी शक्ति एक सशक्त राष्ट्र का निर्माण कैसे कर सकती है इसका प्रतिबिंब आज के बजट में दिखता है। ये बजट मध्यम वर्ग के हित में है, इससे भारत प्रफुल्लित है भले ही विपक्ष नाराज़ हो।
केंद्रीय मंत्री वीके सिंह ने बजट पर मीडिया से बात करते हुए कहा कि पिछले बजट को आधार लेकर आगे बढ़ने की कोशिश की गई है। इसके अंदर अगले 25 सालों के लिए भारत कैसे आगे बढ़े उसकी नींव रखी गई है।
सपा सांसद डिंपल यादव ने इस बजट को चुनावी बजट बताया है. उन्होंने मीडिया से बात करते हुए कहा कि किसानों के लिए कुछ नहीं है. किसानों की एमएसपी की बात नहीं की है. रेलवे को पूरी तरह नज़रअंदाज़ किया गया है. आधी से ज्यादा आबादी गांव में बसती है लेकिन उनके लिए कुछ नहीं किया है. ये बहुत ही निराशाजनक बजट है.