KNEWS DESK- भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि ISRO परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या पूरी हो गई है। उन्होंने बताया कि पिछले 73 दिनों से वैज्ञानिक दिन-रात चंद्रयान-3 पर काम कर रहे थे। करीब 1752 घंटों से टीम एक-एक बारीक चीजें चेक कर रही थीं।
आपको बता दें कि भारत का चंद्र मिशन चंद्रयान-3 चंद्रमा की ओर अपनी यात्रा पर निकल गया है। चंद्रयान-3 को चांद तक पहुंचने में करीब 1 महीने से ज्यादा का वक्त लगेगा। यह 23 या 24 अगस्त को चंद्रमा की सतह पर उतर सकता है। भारत उन खास देशों में शामिल हो जाएगा। जहां अभी तक पहुंचने की क्षमता सिर्फ 3 देशों ने दिखाई थी। सफल प्रक्षेपण के बाद लोगों को सम्मानित करते हुए चंद्रयान-3 के मिशन निदेशक एस मोहना कुमार ने कहा कि ISRO परिवार के लिए 73 दिनों की तपस्या पूरी हुई उन्होंने बताया कि पिछले 73 दिनों से वैज्ञानिक दिन-रात चंद्रयान-3 पर काम कर रहे थे यानि की करीब 1752 घंटों से टीम एक-एक बारीक चीजें चेक कर रही थीं। यह बताते हुए वह भावुक हो गए।
चेयरमैन सोमनाथ ने टीम से मिलवाया जो चंद्रयान 3 को सफल बनाने के लिए काम रही थी। इनमें चेयरमैन एस सोमनाथ मिशन डायरेक्टर मोहन कुमार, प्रोजेक्ट डायरेक्टर पी वीरामुथवेल एसोसिएट प्रोजेक्ट डायरेक्टर कल्पना, विक्रम साराभाई स्पेस सेंटर के डायरेक्टर एस उन्नीकृष्णन नैयर ए राजराजन लॉन्च ऑथराइजेशन बोर्ड के चेयरमैन और यू आर राव सैटलाइट सेंटर के डायरेक्टर एम. शंकरन जैसे वैज्ञानिक का नाम शामिल है।
भारत का मुकाबला चीन से
भारत का मुकाबला चीन से है जिसने हाल ही में चंद्रमा को लेकर अपनी नई योजनाओं का खुलासा किया है। भारत का चंद्रयान-3 एक मानवरहित अंतरिक्ष मिशन है लेकिन चीन ने 2030 तक चंद्रमा पर इंसानों को उतारने की घोषणा की है। भारत के चंद्रयान-3 की लॉन्चिंग के साथ ही दुनिया में पहले से चल रही स्पेस रेस और तेज हो गई है। इसमें इस मिशन के साथ चीन अमेरिका के बाद चंद्रमा पर इंसानों को भेजने वाला दूसरा देश बन जाएगा।