फर्जी एनकांउटर मामले में आया सुप्रीम फैसला
बुलंदशहर: साल 2002 में जनपद की पुलिस द्वारा किये गये एक फर्जी एनकांउटर मामले में सुप्रीम कोर्ट का फैसला अब आ गया है। सुप्रीम कोर्ट ने अपने फैसले में पुलिस कर्मियों को दोषी पाते हुये और उन्हें जेल भेज दिया है। सूत्रों से मिली खबर के मुताबिक मामला जनपद के सिकन्दरा थाना क्षेत्र का हैं जहाँ के एक बस चालक द्वारा दी गई तहरीर के बाद सिकन्दरा पुलिस ने बीटेक छात्र प्रदीप को लुटेरा बताकर फर्जी मुठभेड़ दिखा उसका एनकांउटर कर दिया था। जिसके बाद बेटे के किसी भी गुनाह में शामिल होने की बात कहकर पिता ने स्थानीय न्यालय के आदेश पर फर्जी एनकांउटर का मुकदमा दर्ज कराया था।
19 साल तक लड़ी कानूनी लड़ाई
रोगटे खड़े कर देने वाले इस फर्जी एनकांउटर के खिलाफ एक पिता को अपने बेटे को न्याय दिलाने के लिये करीब 19 साल तक लम्बी कानूनी लड़ाई लड़नी पड़ी, लेकिन वो कहते हैं न कि ईश्वर के यहाँ देर है, अन्धेर नहीं। आखिरकार एक पिता अपने बेटे को न्याय दिलाने में सफल रहा। इस पूरे मामले में पिता के मुताबिक सीओ रणधीर सिंह सहित एक दरोगा व तीन कांस्टेबल को दोषी पाया गया है। जिसमें उपनिरीक्षक संजीव कुमार व 3 सिपाहियों को कोर्ट में पेशी के बाद जेल भेज दिया गया है। फिलहाल सीओ रणधीर सिंह फरार चल रहे हैं।
पिता ने जताया जान का खतरा
बेटे के मामले में सुप्रीम कोर्ट से न्याय होने पर पिता ने खुशी जताने के साथ ही अपनी व परिजनों की जान को खतरा बताया है, साथ ही पिता ने पुलिस से सुरक्षा की गुहार लगाई है।