नई दिल्ली: यूक्रेन पर रूस के हमले के बाद से लगभग हर देश ने रूस के खिलाफ कड़ा रूख अपनाया है, लेकिन भारत ने रूस के खिलाफ कोई कडा कदम नहीं उड़ाया है, जिसपर भारत की आलोचना हो रही है। इसपर अब भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने जवाब दिया है।
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने कहा है कि, यूरोप रूस से युद्ध के पहले की तुलना में ज्यादा तेल खरीद रहा है. ब्रिटिश विदेश सचिव लिज़ ट्रस की उपस्थिति में विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ये टिप्पणी की है। जयशंकर ने कहा, “जब तेल की कीमतें बढ़ती हैं, तो ये स्वाभाविक है कि कोई भी देश बाजार में जाकर देखेगा कि उनके लोगों के लिए क्या अच्छा सौदा हैं.”
रूसी तेल और गैस के बड़े खरीदार हम नहीं-
जयशंकर ने आगे कहा कि, मुझे पूरा यकीन है कि अगर हम दो या तीन महीने तक प्रतीक्षा करें और वास्तव में देखें कि रूसी तेल और गैस के बड़े खरीदार कौन हैं, तो मुझे संदेह है कि सूची पहले की तुलना में बहुत अलग नहीं होगी। हम उस सूची में शीर्ष 10 में भी नहीं होंगे। श्री जयशंकर की ये टिप्पणी ऐसे समय पर आई है जब रूसी विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव दो दिवसीय भारत की यात्रा पर आए हैं।
एस़ जयशंकर ने की रूसी विदेश मंत्री से की मुलाकात-
विदेश मंत्री एस़ जयशंकर ने अपने रूसी समकक्ष सर्गेई लावरोव के साथ शुक्रवार को मुलाकात की और कहा कि, भारत ने अपने ‘एजेंडे’ का विस्तार करते हुए सहयोग में विविधता लाने की कोशिश की है। जयशंकर ने कहा कि, हमारी आज की बैठक अंतरराष्ट्रीय स्तर पर व्याप्त तनावपूर्ण स्थिति में हो रही है और भारत हमेशा से मतभेदों या विवादों को बातचीत तथा कूटनीति के जरिये सुलझाने का पक्षधर रहा है।