उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव के दुसरे चरण के मकदान जारी है। इस बीच आगामी चरणो के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को उत्तर प्रदेश के हरदोई में जनसभा को संबोधित किया। यहां पीएम मोदी ने विपक्षी दलों पर जमकर निशाना साधा. उन्होंने कहा, “ये ‘परिवारवादी’ अब जाति के नाम पर जहर फैला रहे हैं. ऐसे लोग कुर्सी के लिए अपने ही परिवार से लड़ते हैं. आपने जिस डबल इंजन सरकार को वोट दिया है, वह किसी परिवार की नहीं है और न ही केंद्र की सरकार किसी परिवार की है. हमारी सरकार गरीबों, किसानों और युवाओं के लिए है.”
पीएम मोदी ने कहा, “मुझे दुख है कि, 2014-2017 से इन ‘परिवारवादियों’ ने मेरा साथ नहीं दिया. मैं यूपी से सांसद हूं, लेकिन 2017 तक उन्होंने (तत्कालीन सरकार) मुझे यूपी के लोगों के लिए काम नहीं करने दिया. यदि आप उन्हें फिर से लाएंगे, तो क्या वे मुझे आपके लिए काम करने देंगे? यूपी में गरीब के लिए काम तब शुरू हुआ, जब 2017 में आपने यहां डबल इंजन की सरकार बनाई. इन पांच सालों में हमने हरदोई के करीब 70,000 गरीब परिवारों को प्रधानमंत्री आवास दिए हैं.”
पहली होली 10 मार्च को BJP की बंपर जीत के साथ मनाएंगे: पीएम मोदी
पीएम मोदी ने कहा, “मुझे पता है इस बार हरदोई और यूपी के लोगों ने 2 बार रंगों वाली होली खेलने की तैयारी कर ली है. पहली होली 10 मार्च को BJP की बंपर जीत के साथ मनाएंगे. लेकिन अगर 10 मॉर्च को धूमधाम से होली मनानी है, तो इसकी तैयारी अभी पोलिंग बूथ में करनी पड़ेगी, घर घर जाना पड़ेगा.
आज तीसरे चरण में भी बिना बटे एक जुट होकर कमल के निशान पर भारी मतदान हो रहा है. आज यूपी के साथ-साथ पंजाब में भी वोट पड़ रहे हैं, वहां के लोग भी पंजाब के विकास, पंजाब की सुरक्षा और देश की अखंडता के लिए बड़ी संख्या में मतदान कर रहे हैं, भाजपा का समर्थन कर रहे हैं.”
पांच साल पहले माफियावादियों ने यूपी का क्या हाल बना दिया था: मोदी
पीएम मोदी ने आगे कहा, “यूपी के अगले चरणों की जिम्मेदारी भी आप लोगों ने ले रखी है. जो तुष्टिकरण की राजनीति में हमारे त्योहारों को रोकते थे, उन्हें यूपी की जनता का उत्तर 10 मॉर्च को मिल जाएगा. हरदोई वालों ने वो दिन देखें हैं कि कैसे इन लोगों ने कट्टा और सट्टा वालों को खुली छूट दे रखी थी. पांच साल पहले माफियावादियों ने यूपी का क्या हाल बना दिया था? व्यापारियों को व्यापार करने में डर लगता था. राहजनी, छिनैती, लूट आम बात हो गई थी. लोग कहते थे, ‘दिया बरे’ घर लौट आओ.”