प्रशासन के लिए गले की फांस बना लखीमपुर कांड !

लखीमपुर खीरी प्रशासन के लिए गले की फांस बन गया है न निगलेत बन रहा है ना उगलते, गृह राज्य मंत्री का बेटा अभी गिरफ्तार नहीं हुआ है और आरोपियों की गिरफ्तारी की मांग को लेकर हंगामा बरपा हुआ है ।

लखीमपुर कांड को लेकर देश में सियासी पारा गर्म है , आरोपी अभी भी गिरफ्त से दूर है, जिसको लेकर बयानबाजी का दौर जारी है सभी राजनीतिक दल और किसान मोर्चा, गृह राज्य मंत्री का इस्तीफा और बेटे के गिरफ्तारी की मांग कर रहे हैं । लखीमपुर घटना में पूछताक्ष के लिए क्राइम ब्रांच ने गृह राज्य मंत्री के बेटे को बुलाया था लेकिन वो नहीं आया । जिसके बाद पुलिस ने दोबारा नोटिस चस्पा किया और आशीष मिश्रा को अल्टीमेटम भी दिया है।
वही दूसरी तरफ दूसरा नोटिस चस्पा होने के कुछ घंटों बाद गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा खुद लखनऊ पहुंच गए और वो बीजेपी कार्यालय चले गए, आशीष मिश्रा के सवाल पर उन्होंने कहा मेरा बेटा निर्दोश है और उसकी तबीयत खराब है, शनिवार को वो पूछताक्ष के लिए आएंगे । एक सवाल के जवाब में उन्होने कहा अगर मेरा बेटा घटना स्थल पर होता तो सबसे पहले उसी की हत्या हो जाती

सियासत का केन्द्र जिला लखीमपुर खीरी बना हुआ है सियासी दलों का दौरा लगातार जारी है, तकरीबन सभी दल लखीमपुर खीरी संजीवनी लेना चाहते है । बहराइच पहुंचे सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने गृह राज्य मंत्री से इस्तीफे की मांग की है

सुप्रीम कोर्ट ने लखीमपुर खीरी जांच कांड पर नाराजगी भी जाहिर की है । आनन फानन में दो गिरफ्तार आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया है । उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद ने कहा की घटना की निष्पक्ष जांच होगी और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएंगी

वहीं भाकियू नेता राकेश टिकैत ने कहा है आरोपी की गिरफ्तारी हो और गृह राज्य मंत्री इस्तीफा दे, नहीं तो सरकार का मुआवजा वापस कर दिया जाएगा

लखीमपुर खीरी कांड को लेकर प्रशासन चौतरफा घिर गया है ।  एक तरफ सुप्रीम कोर्ट सख्त तो दूसरी तरफ गृह राज्य मंत्री के बेटे की गिरफ्तारी नहीं होना प्रशासन के लिए जी का जंजाल बन गया है । अब देखने वाली बात होगी अंदर खाने से क्या खबर आती है, क्योंकि बेटे की गिरफ्तारी के पहले गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी लखनऊ में टहल रहे हैं ।

 

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