उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत को लेकर राजनीति पूरी तरह से गर्मा गई है। सभी राजनीतिक दल इस पर राजनीतिक रोटियां सेंक रहे हैं। यूँ तो किसानों की सीधी लड़ाई भाजपा से कही जा रही है लेकिन सपा बसपा, कांग्रेस और आर एल डी भी इससे अछूते नही हैं। किसानों ने एक ओर जहाँ ठीक ठाक भीड़ जुटा कर भाजपा को चुनौती देने की कोशिश की है तो वहीं भाजपा ने इसे सपा बसपा और कांग्रेस के नेताओं का जमघट बताया। महापंचायत के दौरान राकेश टिकैत द्वारा अल्लाह हू अकबर और हर हर महादेव का नारा लगाने के बाद राजनीति और गहरा गई। किसान नेता इसे जहां भाजपा की तोड़ने की राजनीति के उलट जोड़ने की राजनीती करार दे रहे हैं तो वहीं बसपा इसको लेकर सपा और कांग्रेस पर हमलावर होकर उन्हें मुजफ्फरनगर में हुए दंगे की याद दिला रही है। उधर आर एल डी भी भाजपा पर निशाना साध रही है। भाजपा की मुश्किलें यहीं ख़त्म होने का नाम नहीं ले रही है। खुद उनकी पार्टी के सांसद वरुण गांधी ने कह दिया की किसान हमारे भाई हैं हमें उनसे बात करनी चाहिए।
एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोपों का दौर भी जारी
किसान महापंचायत को लेकर राजनीति पूरी तरह से गर्मा गई है। इसमें हर राजनीतिक पार्टी को अपनी तरह से लाभ होता नज़र आ रहा है। ऐसे में कोई भी राजनीतिक पार्टी एक दूसरे पर आरोप प्रत्यारोप का मौक़ा नहीं छोड़ रही है। किसान महापंचायत को लेकर राकेश टिकैत ने भाजपा पर जमकर सियासी बाण चलाए। राकेश टिकैत ने भाजपा सरकार को किसान, नौजवान, बेरोजगार और निजीकरण के मुद्दे पर जमकर घेरा।
मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत को लेकर भाजपा ने भारतीय किसान यूनियन से लेकर सपा कांग्रेस और आर एल डी पर निशाना साधा। भाजपा प्रवक्ता ने तंज कस्ते हुए कहा की राकेश टिकैत तो २० लाख लोगों की भीड़ इकठ्ठी होने का दावा कर रहे थे लेकिन ये तो मुठ्ठी भर लोग ही आए और वो भी सपा कांग्रेस और आर एल डी के कार्यकर्ता थे। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष स्वतंत्र देव सिंह ने विपक्ष पर सीधा हमला बोलते हुए कहा की किसानों के भेष में विपक्ष आक्रमणकारी हो गया है। गन्ना मंत्री सुरेश राणा ने भी महापंचायत पर भड़ास निकालते हुए कहा कि केंद्र और उत्तर प्रदेश की सरकार लगातार किसानों के हितों के लिए काम कर रही है।
सपा-बसपा भी साध रहीं निशाना
समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा की पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसानो की एकजुटता ने दिखा दिया की भाजपा की दमनकारी विभाजनकारी, दंभी सत्ता अब कभी वापस नही आएगी। जहाँ किसान भाजपा को कटघरे में खड़ा कर रहे हैं और भाजपा सपा कांग्रेस तो वहीं बसपा मुखिया ने सपा और कांग्रेस पर ही निशाना साध दिया। मायावती ने कहा की मुजफ्फरनगर में हुई किसान महापंचायत में हिन्दू मुस्लिम साम्प्रदायिक सौहार्द के लिए प्रयास सराहनीय हैं लेकिन इसने कांग्रेस और सपा के दंगा युक्त शासन की याद ताजा कर दी है।
बीजेपी सांसद का बयान चौंकाने वाला
इन सबसे इतर भाजपा के ही सांसद वरुण गांधी ने यह कहकर सनसनी फैला दी की किसान हमारे ही शरीर का हिस्सा हैं उनसे सम्मानजनक तरीके से बातचीत की जानी चाहिए। मुजफ्फरनगर की किसान महापंचायत ने यू पी की राजनीति को पूरी तरह से गर्मा दिया है। इसने सारी राजनीतिक पार्टियों को एक दूसरे को कटघरे में खड़ा करने का अवसर प्रदान कर दिया है। अब 2022 के चुनाव में कौन किसको निपटाता है इस पर सभी की निगाहें लगी हुई हैं।