लोकसभा में आज दिल्ली में तीनों नगर निगमों का आपस में विलय करके उन्हें एक एकीकृत इकाई बनाने संबंधी विधेयक पर एमसीडी एकीकरण बिल पर चर्चा शुरू हो गई है, जिसपर चर्चा करते हुए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने लोकसभा में केजरीवाल सरकार पर आरोप लगाया कि, वह एमसीडी के साथ सौतेला व्यवहार कर रही है, इसके कारण सारे नगर निगम अपने दायित्वों को निर्वहन करने के लिए खुद को पर्याप्त संसाधनों से लैस नहीं पाते हैं।
उन्होंने कहा, ”केंद्र सरकार तीन नगर निगम को एक बना रही है। पहले ये बंटवारा आनन-फानन में और राजनीतिक उद्येश्य से किया गया था, तीनों निगमों के दस साल चलने के बाद नीतियों के बारे में एकरूपता नहीं है।
नीतियों को निर्धारित करने की ताकत अलग-अलग निगमों के पास है. कार्मिकों के बीच भी असंतोष नजर आय़ा है। तब सोच-समझकर बंटवारा नहीं किया गया था. जो लोग चुनकर आते हैं, उन्हें निगम चलाने में परेशानी होती है.”
दिल्ली सरकार सौतली मां जैसा व्यवहार कर रही है- शाह
उन्होंने कहा, ”जिम्मेदारी के साथ कहना चाहता हूं कि दिल्ली सरकार सौतली मां जैसा व्यवहार कर रही है. इसलिए जो बिल लेकर आया हूं, दिल्ली नगर निगम को एक किया जाए. एक निगम दिल्ली का ध्यान रखेगी. दिल्ली के पार्षदों की संख्या 272 से सीमित कर ज्यादा से ज्यादा 250 किया जाएगा.”