वायरल, भारत अपनी अनूठी और चौंका देने वाली प्रथाओं और रीत रिवाजों के लिए जाना जाता है। देश में हर जगह अलग अलग प्रथाएं है जो दुनिया में शायद कहीं और देखने को नहीं मिलेंगी। ऐसी ही एक अनोखी प्रथा झांसी के मऊरानीपुर क्षेत्र के रेवन और ककवारा गांव की है। इन दोनों गांव में यह प्रथा है कि नई दुल्हन ससुराल में कदम रखने से पहले दोनों गांव की सीमाओं पर बनी कुतिया महारानी के मंदिर पर आशीर्वाद लेती हैं। इसके बाद ही वह अपने ससुराल में जाती हैं और अपना गृहस्थ जीवन बिताती है। गांव में रहने वाले लोगों ने बताया कि गांव की नई बहू नारियल फोड़ने के लिए रुकती है और कुतिया महारानी का आशीर्वाद लेती है। जितनी आस्था गांव के हिंदू समाज की कुतिया महारानी में है, उतनी ही आस्था गांव के मुस्लिम समाज की भी है।
इस प्रथा का प्रारम्भ
रेवन गांव में रहने वाले एक व्यक्ति ने बताया कि बहुत समय पहले दोनों गांव की शादी में भोजन ना मिलने की वजह से इस कुतिया की जान चली गई थी। जिसकी वजह से गांव की सुख शांति दोनों छीन गई थी। जिसके बाद लोगों को पता चला की गांव को उसी कुतिया का श्राप लग गया है इस से बचने के लिए गांव वालों ने दोनों गावों से शुरू होने से पहले ही एक कुतिया माता का मंदिर बना दिया और पूजा अर्चना करने लगे। इसके बाद से ही यह मान्यता दोनों गावों के लोग मानने लगे।अब अगर गांव में शादी होगी तो भोजन का एक हिस्सा कुतिया महारानी को चढ़ाया जाएगा। जब नई बहू आएगी तो वह भी पहले कुतिया महारानी का आशीर्वाद लेगी।
कुतिया माता करती हैं दोनों गांव की रक्षा
गांव के बच्चों की भी इस मंदिर में बहुत आस्था है। एक नन्हें बच्चे का कहना है कि उन्होंने अक्सर लोगों को यहां नारियल फोड़ते देखा है। दोनों ही गांव के लोग मिलकर कुतिया महारानी के मंदिर का ख्याल रखते हैं। नियमित तौर पर एक व्यक्ति मंदिर की सफाई करने आता है। विशेष आयोजनों पर मंदिर को भी सजाया जाता है।