रेप के आरोपी नित्यानंद के झूठे देश कैलासा के खिलाफ धोखाधड़ी का पहला मामला दर्ज हो गया है। कैलासा ने किसी और को नहीं अमेरिका के न्यू जर्सी के शहर नेवॉर्क को ही अपना पहला शिकार बनाया है। नेवॉर्क सिटी के अधिकारी शुरुआत में तो बहुत खुश थे कि “उन्हें हिंदू देश कैलासा के साथ जुड़ने का मौका मिल रहा है।” लेकिन बाद में उन्हें पता लगा कि “वो जिस देश के साथ जुड़ने जा रहे हैं उसका तो कोई अस्तित्व ही नहीं है।”
जनवरी में नेवॉर्क सिटी ने कैलासा के कुछ प्रतिनिधियों का स्वागत किया था। मगर अब सिटी हॉल की तरफ से माना गया है कि “यह सबकुछ एक धोखाधड़ी का हिस्सा थी जिसे एक ‘भगोड़े’ भारतीय गुरु स्वामी नित्यानंद की तरफ से अंजाम दिया जा रहा था।”
इस नए मामले के साथ ही कैलासा के साथ पहला ऐसा धोखाधड़ी का मामला जुड़ गया है जिसे विदेशी धरती पर अंजाम दिया गया है। नेवार्क के अधिकारियों की मानें तो यह समझौता सिर्फ छह दिनों तक चला। उन्होंने इसे पूरी तरह से बेसलेस और जीरो करार दिया है। अधिकारियों की मानें तो इस पूरे आयोजन में किसी भी तरह के पैसे का लेन-देन नहीं हुआ है। नेवॉर्क सिटी के प्रवक्ता की तरफ से कहा गया है कि “हालांकि इस घटना पर काफी खेद है मगर नेवॉर्क सिटी ऐसी साझेदारी की तरफ देख रही थी जो विविध संस्कृतियों से भरी हुई है।”
City of Newark, New Jersey admits it got scammed into becoming “sister cities” with a fake nation. @CBSNewYork https://t.co/QD0nmin7V5 pic.twitter.com/7NiizmUP5M
— Ali Bauman (@AliBaumanTV) March 9, 2023
नेवॉर्क सिटी जिस प्रोग्राम के तहत कैलासा से जुड़ने वाली थी, उसे ‘सिस्टर सिटी प्रोग्राम’ नाम दिया गया है जिसे द्वितीय विश्व युद्ध के बाद शुरू किया गया था। इस प्रोग्राम का मकसद दो नगरपालिकाओं के बीच सांस्कृतिक और वाणिज्यिक संबंधों को मजबूत करना था। नेवॉर्क, न्यू जर्सी का सबसे बड़ा शहर है।
12 जनवरी को एक साइनिंग सेरेमनी हुई थी जिसमें नेवॉर्क के मेयर रास बाराका ने नकली प्रतिनिधियों मुलाकात की थी। उन्होंने इस दौरान कहा था, ‘मैं प्रार्थना करता हूं कि हमारा रिश्ता हमें सांस्कृतिक, सामाजिक और राजनीतिक विकास को समझने में मदद करे और दोनों जगहों पर हर किसी के जीवन में सुधार करे।’ सीबीएस की रिपोर्ट की मानें तो कैलासा के काल्पनिक निवासियों के लिए कोई सुधार नहीं आ रहा है। वहीं, नेवार्क के निवासी सिर्फ शर्मिंदगी महसूस करते हैं। उन्हें लगता है कि आखिर कैसे उनके नेता एक घोटाले में फंस गए। उनका मानना है कि इस घोटाले को तो गूगल पर सर्च करके भी टाला जा सकता था।